
केन्द्रीय आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री एम. वैंकया नायडू ने आज विश्वास जताया कि राज्य सरकारें रीयल एस्टेट नियमों को अधिसूचित करने की समय सीमा को देखते हुये इस दिशा में जल्द कदम उठायेंगी और रीयल्टी कानून को लागू करेंगी। इस कानून को लागू करने के लिये केवल दस दिन का समय बचा है। ‘रीयल एस्टेट :नियमन और विकास: विधेयक को राज्य सभा ने पिछले साल दस मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च को पारित कर दिया था।
नायडू ने इस कानून को ‘‘उपभोक्ताओं और उद्योगों के हित में दूरगामी फायदे’’ वाला बताते हुये कहा कि कानून की करीब 60 धाराओं को पिछले साल एक मई से लागू कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि शेष बची 32 धाराओं को भी कल शाम को अधिसूचित कर दिया गया है और ये भी अगले महीने की पहली तारीख से प्रभाव में आ जायेंगी।
नायडू ने यह भी कहा कि शहरी क्षेत्रों में किराया आवासों के बारे में एक नीति को जल्द ही केन्द्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष लाया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस नीति को प्रवासियों, छात्रों, कामकाजी एकल महिलाओं और अन्य लोगों की आवास की बढ़ती जरूरतों को ध्यान में रखते हुये लाया जा रहा है।
नायडू ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमने एक राष्ट्रीय शहरी किराया आवास नीति 2017 तैयार की है। इसे मंजूरी के लिये जल्द ही मंत्रिमंडल के समक्ष लाया जायेगा। विचार विमर्श की प्रक्रिया पूरी हो गई है और मसौदा तैयार हो गया है।’’ यह नीति इस लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है कि शहरी क्षेत्रों में 30 प्रतिशत आबादी किराये के मकान में रहती है और एक तिहाई शहरीकरण में प्रवासियों की ही मुख्य भूमिका है।
इसके विपरीत वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक 1.10 करोड़ मकान खाली पड़े हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि यह नीति सरकार के ‘‘वर्ष 2022 तक सभी के लिये आवास’’ उपलब्ध कराने के सरकार के मिशन की अनुपूरक होगी।
( Source – PTI )