राष्ट्रीय पराक्रम दिवस

23 जनवरी –  नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिवस को “राष्ट्रीय पराक्रम दिवस” के रूप में मनाये जाने की घोषणा करके हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को का बार-बार अभिनंदन। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अमर बलिदानी सुभाष जी के पराक्रम को स्मरण करने के साथ ही उन हज़ारों भूले-बिसरे क्रान्तिकारियों के बलिदानों की गाथाओं से भी युवा भारत को प्रेरणा मिलेगी।

*तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा*   _का आह्वान करने वाले भारत मां के महान सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस 

के अद्वितीय वअतुलनीय पराक्रम को स्मरण करके प्रत्येक देशवासी उनसे प्रेरित होता आ रहा है।उनके इस आह्वान ने लाखों देशभक्तों की नस-नाड़ियों में शांत होते रक्त को उष्णित करके ब्रिटिश शासन की चूले हिला दी थी।

 नेताजी एक अत्यंत अनुशासित, निस्वार्थ देशभक्त,साहसी, निर्भीक,दूरदर्शी के साथ साथ एक महान क्रांतिकारी थे। उनके इन्हीं गुणों से प्रेरित होकर लगभग 70000 देशभक्त सेनानियों की आजाद हिंद फौज ने ब्रिटिश साम्राज्य, जिनके साम्राज्य में कभी सूरज नहीं छुपता था, की नींव हिला दी थी।नेताजी का दृढ़ विश्वास था कि शूरवीरता के साथ कठोर अनुशासित पराक्रम ही किसी सेना को युद्ध में विजय दिला सकता है। उसी प्रकार शांति काल में भी यही पराक्रम अनुशासित नागरिकों में निस्वार्थ भाव तथा सर्वोच्च बलिदान की भावना जगाता है।इसलिए उन्होंने दृढ़ संकल्प किया था कि स्वतंत्रता के बाद कम से कम 10 वर्ष तक भारत में कड़े अनुशासन का पालन होना चाहिये। जिससे प्रत्येक नागरिक देश हित को अपने हित से ऊपर रखकर लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन करके राष्ट्र की रक्षा में योगदान दे सके।

ऐसी दृढ़ इच्छाशक्ति वाले हमारे सैनिक ही कड़े अनुशासन में रहकर देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने के लिए सदैव तत्पर रह सकते हैं। नेताजी का अटल  विश्वास था यदि ऐसा नहीं हुआ तो देश में स्वार्थी नेताओं द्वारा अराजकता, भ्रष्टाचार और समाज के शोषण का ऐसा तांडव होगा कि हमारी आजादी ही खतरे में पड़ सकती है?जैसा कि आज हम देख रहे हैं कि छोटे छोटे स्वार्थो के लिए समाज में भयंकर अव्यवस्था व अराजकता फैलाई जा रही है। *यदि इस अराजक अवस्था से देश को बचाना है और उसकी स्वतंत्रता को सुरक्षित रखना है तो 23 जनवरी – नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन पर हमें संकल्प लेकर मातृभूमि के प्रति हर क्षण बलिदान होने के लिये तत्पर रहना होगा । यही नेताजी के प्रति हम सबकी भावपूर्ण श्रद्धांजलि होगी।

इस अवसर पर “राष्ट्रिय सैनिक संस्था” केंद्र सरकार से अनुरोध करती है कि वह समस्त कार्यालयों, विभागों व विद्यालयों आदि को निम्नलिखित कार्यक्रमों को आयोजित करने के निर्देश देने की कृपा करें_ : 

1.इस शुभ दिवस पर नेताजी के आदर्शों तथा जीवन चरित्र का प्रचार प्रसार सभी प्रचार माध्यमों के द्वारा करना ।

2. समस्त शिक्षण संस्थाओं में नेताजी के जीवन पर आधारित प्रतियोगिताएं तथा कार्यक्रम सुनिश्चित किए जाएं ।

 3.. प्रत्येक विद्यालय तथा कार्यालयों में नेताजी का आकर्षक  चित्र आवश्यक रूप से लगाया जाए।

 4.. पूरे वर्ष देश के प्रत्येक नागरिक को नेताजी के आदर्शों से प्रेरणा मिलती रहे इसके लिए अति शीघ्र इंडिया गेट पर नेताजी की एक विशाल मूर्ति स्थापित की जाए।

भारत सरकार द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती पर उनके जन्मदिवस को सदैव “पराक्रम दिवस” के रूप में मनाने की घोषणा के लिए हार्दिक धन्यवाद।

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