
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने आज उस याचिका पर सुनवायी करने से इनकार कर दिया जिसमें हर साल भारी मात्रा में कागजों को बर्बाद होने से बचाने के लिए देशभर में सभी चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन:ईवीएम: का इस्तेमाल करने के निर्देश देने की मांग की गयी है।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायाधीश स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इस याचिका में पर्यावरण और पारिस्थितिकी के संबंध में कुछ भी संतोषजनक नहीं है।
पीठ ने कहा, ‘‘आप निर्वाचन आयोग के पास क्यों नहीं जाते। आपने पर्यावरण के संदर्भ में कोई भी तर्क पेश नहीं किया।’’ न्यायाधिकरण वकील सुग्रीव दूबे के जरिये सालेक चंद जैन की याचिका पर सुनवायी कर रही थी जिसमें पेड़ों को काटने से बचाने के लिए देशभर के सभी चुनावों में सिर्फ ईवीएम का इस्तेमाल करने के लिए केन्द्र और निर्वाचन आयोग को निर्देश देने की मांग की गयी है।
सुनवाई के दौरान वकील ने याचिका वापस लेने की अपील की जिसके बाद न्यायाधिकरण ने इसे ‘‘वापस लिया हुआ मानते हुये याचिका खारिज कर दी।’’ इससे पहले एनजीटी ने एक अन्य मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ को विश्वविद्यालय परिसर की दीवारों पर पैम्फ्लेट और अन्य सामग्री चिपकाने से रोक दिया क्योंकि इससे कूड़ा करकट इकट्ठा होता है जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है और दीवारें गंदी होती हैं।
( Source – PTI )