देश की दूसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी इंफोसिस के गैर कार्यकारी चेयरमैन बनाये गये नंदन निलेकणि ने आज कहा कि वह कंपनी में स्थायित्व लाने पर ध्यान देंगे तथा यह सुनिश्चित करेंगे कि कंपनी के भीतर कोई मनमुटाव नहीं हो। उन्हें पिछली रात ही यह पद दिया गया है।
इंफोसिस के संचालन की जिम्मेदारी मिलने के कुछ ही घंटे बाद निलेकणि अब तक हुई क्षति की भरपाई की कोशिशों में जुट गये ताकि निवेशकों का भरोसा बना रहे। कंपनी के संचालन में अनियमितता के आरोपों के कारण संस्थापकों तथा प्रबंधन के बीच चल रही खींचतान के चलते इंफोसिस पिछले कुछ महीने से संकट में घिरी हुई है। इंफोसिस के निदेशक मंडल में भी पिछली रात बदलाव किया गया। चेयरमैन आर शेषासायी एवं दो अन्य स्वतंत्र निदेशक पद से हटा दिये गये। उपाध्यक्ष रवि वेंकटेशन को स्वतंत्र निदेशक बना दिया गया।
निलेकणि ने कहा कि इंफोसिस की रणनीति और आय पर टिप्पणी करना उनके लिए अभी जल्दीबाजी होगी। उन्होंने कहा कि इंफोसिस में कंपनी संचालन के सर्वोच्च मानकों को लागू करने के लिए वह प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं एन आर नारायणमूर्ति का प्रशंसक हूं। मेरी कोशिश रहेगी कि इंफोसिस, नारायणमूर्ति एवं अन्य संस्थापकों के बीच अच्छे संबंध रहें।’’ निलेकणि ने कहा कि वह रणनीति संबंधी अधिक जानकारी अक्तूबर में दे सकेंगे। अभी उनका पूरा ध्यान स्थायित्व लाने पर है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह कोशिश करूंगा कि कंपनी में कोई आपसी मनमुटाव नहीं हो और सभी लोग एकमत रहें।’’ उन्होंने आगे कहा कि कंपनी के गैर कार्यकारी चेयरमैन होने के नाते उनकी जिम्मेदारी कंपनी के संचालन और कामकाज पर निगाह रखने तथा नये मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) की तलाश में मदद करने की होगी। इसके लिए कंपनी में कार्यरत लोग, पहले काम कर चुके लोग या बाहर के लोग, सभी को देखा जाएगा।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब तक जरूरी होगा , तभी तक वह इस पद पर रहेंगे, लेकिन उन्होंने इसकी कोई समयसीमा बताने से मना कर दिया।
( Source – PTI )