बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रोन्नति में आरक्षण की वकालत की है।
यहां आज लोक संवाद के बाद पत्रकारों द्वारा प्रोन्नति में आरक्षण को लेकर केंद्रीय मंत्री और लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान की राय के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि रामविलास की राय से वह सहमत हैं। पहले से भी हमारी यही राय रही है।
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के द्वारा बनायी गई व्यवस्था के अनुरुप हम अपने राज्य में सरकारी सेवाओं में आरक्षण नियम का पालन कर रहे हैं।
नीतीश ने कहा कि प्रोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था को पटना उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है। उच्चतम न्यायालय में सुनवाई चल रही है। निजी क्षेत्र में भी आरक्षण मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि संविधान में सामाजिक एवं शैक्षणिक पिछड़ेपन को आरक्षण का आधार बनाया गया है। समान अवसर का सिद्धांत को अपनाया गया है।
नीतीश ने कहा कि राष्ट्रनायकों ने यह तय किया था कि संवैधानिक प्रावधानों के तहत सदियों से उपेक्षित रहे समाज के तबके को मुख्य धारा में बराबरी का हक मिले। इसमें समय लगेगा लेकिन स्थिति में सुधार हो रहा है। आर्थिक आधार पर पिछड़े लोगों के लिए भी अन्य प्रकार की सुविधाएं मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि साइकिल योजना, पोशाक योजना सबके लिए चलायी। हमारी सभी योजनाये सार्वभौमिक हैं। राजेंद्र बाबू के नाम पर छात्रवृति योजना की शुरुआत की गई है।
नीतीश ने कहा कि अंत्तोगत्वा सबको बराबरी पर लाना है, इस तरह से हमलोग अपनी योजनाये बनाते हैं।
( Source – PTI )