
उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एनटीपीसी संयंत्र में हुए विस्फोट में गंभीर रूप से झुलसे 15 लोगों को बेहतर इलाज के लिए यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इनमें से छह को एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है जबकि नौ लोगों को सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया। एम्स में भर्ती लोगों में से अधिकतर के चेहरे गंभीर रूप से झुलसे हुए हैं।
एम्स के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कल कहा, ‘‘उन्हें एम्स ट्रॉमा सेंटर के बर्न वार्ड में भर्ती कराया गया है। उनमें से एक का चेहरा 60 प्रतिशत तक झुलस गया है, वहीं बाकी 25 से 50 प्रतिशत के बीच झुलसे हुए हैं।’’ गंभीर रूप से झुलसे लोगों को कल एयर बस से दिल्ली लाया गया। इनकी गंभीर हालत को देखते हुए आईजीआई हवाईअड्डे से एम्स ट्र्रॉमा सेंटर तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था।
सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजेंद्र शर्मा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘पांच रोगियों की हालत बेहद नाजुक है। उनमें से तीन लोग करीब 80 फीसदी झुलसे हुए हैं, जबकि दो लोग 60 से 70 फीसदी झुलसे हुए हैं।’’ शर्मा ने कहा कि चार अन्य लोग 25 से 45 फीसदी झुलसे हुए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने इंतजाम कर रखे हैं, अधिक रोगियों के आने की स्थिति में भी हम उन्हें रख सकते हैं।’’ स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने गुरुवार रात अस्पताल का दौरा किया, ताकि विस्फोट से झुलसे लोगों को सर्वश्रेष्ठ इलाज एवं देखभाल सुनिश्चित हो सके। एनटीपीसी के ऊंचाहार संयंत्र में हुए विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 तक पहुंच गई है।
रायबरेली और लखनऊ के अस्पतालों में 85 से अधिक लोगों का इलाज चल रहा है। एनटीपीसी ने विस्फोट का कारण पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है।
( Source – PTI )