पटना उच्च न्यायालय ने भाजपा के साथ मिलकर नीतीश कुमार की जद(यू) द्वारा नयी सरकार के गठन को चुनौती देने वाली दो जनहित याचिकाओं पर सुनवायी आज सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी ।
संक्षिप्त सुनवायी के बाद मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन और न्यायमूर्ति एके उपाध्याय की खंडपीठ ने मामले को स्थगित कर दिया।
बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार के महत्वपूर्ण विश्वासमत से पहले दो जनहित याचिकाएं दायर की गयीं और दोनों के वकीलों ने अदालत में अपना पक्ष रखा।
पहली याचिका राजद विधायकों सरोज यादव और चंदन वर्मा की ओर से जबकि दूसरी याचिका समाजवादी पार्टी के सदस्य जितेन्द्र कुमार की ओर से दायर की गयी है।
याचिकाओं में अदालत से अनुरोध किया गया है कि राज्य में सरकार बनाने के लिये सबसे बडे दल के नेता को आमंत्रित करने का निर्देश दिया जाये।
प्रधान अवर महाधिवक्ता ललित किशोर और अवर सॉलिसिटर जनरल एस. डी. संजय ने जनहित याचिकायें को ‘निरर्थक’ बताते हुये कहा कि ये गंभीरता से विचार करने योग्य नहीं हैं।
किशोर ने अदालत से कहा कि याचिकाओं की प्रति केन्द्र सरकार के वकील को दी गयी है लेकिन वह अन्य पक्षों राज्यपाल, भारत निर्वाचन आयोग और बिहार सरकार को नहीं दी गयी हैं।
( Source – PTI )