भारत सरकार कामकाजी निर्धनों की वृद्धावस्था आय सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित है। कामकाजी निर्धनों को प्रोत्साहित करने एवं उनकी वृद्धावस्था देखभाल करने में उन्हें सक्षम बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा 2015 में अटल पेंशन योजना (एपीवाई) का शुभारंभ किया गया है, जिसे पीएफआरडीए द्वारा प्रशासित एवं विनियमित किया जाता है। हालांकि पिछले एक वर्ष में 31 लाख अभिदाता इस योजना में शामिल हुए हैं, लेकिन इस योजना के कवरेज को देश भर में सभी योग्य व्यक्तियों तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकारों का समर्थन बहुत महत्वपूर्ण है। राज्य सरकारों के पास श्रम, स्वास्थ्य, ग्रामीण एवं कृषि आदि जैसे विभिन्न विभागों के साथ जुड़े हुए असंगठित क्षेत्र के कई श्रमिक हैं जिन्हें किसी भी औपचारिक सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत कवर नहीं किया गया है।
सभी राज्य सरकारों से पीएफआरडीए द्वारा एपीवाई के तहत ऐसे श्रमिकों को पंजीकृत करने पर विचार करने का आग्रह किया गया है क्योंकि यह भारत सरकार की एक गारंटीड पेंशन योजना है। एपीवाई जीवन के आय अर्जन चरण के दौरान नियमित रूप से एक छोटी राशि की बचत करने के द्वारा वृद्धावस्था आय की सुरक्षा का रास्ता प्रशस्त करती है। आंगनवाड़ी, आशा कार्यकर्ताओं, निर्माण क्षेत्र से जुड़े श्रमिकों, कृषि श्रमिकों, मनरेगा श्रमिकों आदि जैसे राज्य सरकार के विभिन्न विभागों से संबंधित असंगठित श्रम बल तक एपीवाई को विस्तारित किया जा सकता है। संबंधित राज्य सरकारों से अभीदाताओं के नियमित योगदान के साथ-साथ योजना में अतिरिक्त राशि का सह-योगदान देने का भी आग्रह किया जाता है। राज्य सरकारों के योगदान की राशि अभिदाताओं को 60 वर्ष की उम्र तक बढ़ी हुई पेंशन पाने में समर्थ बनाएगी। आंध्र प्रदेश, गुजरात एवं हिमाचल प्रदेश जैसी राज्य सरकारों ने पहले ही एपीवाई को अधिसूचित कर दिया है और 500 से 1000 रुपये सालाना के बीच राज्य के योग्य अभिदाताओं के लिए सह योगदान भी दे रही हैं।
( Source – PIB )