
केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के विशेषज्ञों की टीम के द्वारा पोलावरम बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना का दौरा करने के बाद राज्य सरकार के कामकाज पर दी गई रिपोर्ट से परियोजना पर संकट के बादल छाने लगे हैं।
वर्तमान में यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय के अवलोकन में है। इसके बाद ही इस परियोजना के भाग्य का फैसला हो सकता है। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू 2019 में होने वाले चुनाव को देखते हुए इसे जल्द से जल्द पूरा करना चाहते हैं।
सीधे कहें तो विशेषज्ञों की टीम का मानना है कि किसी भी मानक के हिसाब से राज्य सरकार द्वारा इस परियोजना का निष्पादन ‘‘सही और सुरक्षित’’ नहीं है।
पोलावरम परियोजना के बारे में आंध्र प्रदेश सरकार का दावा है कि यह राज्य के लिए जीवन रेखा है। इस परियोजना को आंध्रप्रदेश पुर्नगठन अधिनियम, 2014 के तहत राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया है।
इस अधिनियम के तहत केंद्र सरकार इस परियोजना के कार्यान्वयन के साथ वन, पर्यावरण, पुनर्वास सहित सभी चीजों के लिए आवश्यक मंजूरी भी हासिल कराएगा। इस परियोजना के विकास और नियमन से जुड़े फैसले भी करेगा।
चंद्रबाबू पहले भी कई बार कह चुके हैं कि अगर केंद्र सरकार इस परियोजना को 2018 तक पूरा करने का वचन दे तो वह इसे केंद्र सरकार को सौंपने के लिए तयार हैं। लेकिन उन्होंने अभी तक इसके लिए कोई भी कदम नहीं उठाया है।
( Source – पीटीआई-भाषा )