रेलवे पुलिस को संदेह है कि ‘‘टिकट पर यात्रा’ करने वाले यात्रियों का एक समूह 16 अगस्त को अगस्त क्रांति राजधानी में हुई चोरी की घटना सहित राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों में चोरी की वारदातों के पीछे हो सकता है । आरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई भाषा को यह जानकारी दी है। आरपीएफ का मानना है कि अगस्त क्रांति राजधानी में सोए हुए यात्रियों की 10-15 लाख रुपये मूल्य की नकदी और कीमती वस्तुएं चुराने वाले चोरों ने ही शायद राजधानी ट्रेनों में इससे पहले हुई चोरी की दो घटनाओं में इसी तरीके का इस्तेमाल किया।
16 अगस्त को अगस्त क्रांति से यात्रा करने वाले यात्रियों की डिजिटल फुटप्रिंट का स्कैन यह देखने के लिए किया जा रहा है कि क्या इनमें से किसी ने मुंबई-दिल्ली राजधानी में नौ अगस्त को भी यात्रा की थी। इस ट्रेन के भी तीन यात्रियों ने ठीक इसी तरह की परिस्थिति में चोरी होने की शिकायत की थी।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम यह देखने के लिए जांच कर रहे हैं कि यात्रियों के किसी समूह ने दोनों ट्रेन में तो यात्रा नहीं की थी और हम लिंग, उम्र और अन्य मापदंडों पर जांच कर रहे हैं। ’’ मुंबई-दिल्ली अगस्त क्रांति राजधानी एक्सप्रेस के 25 यात्रियों ने शिकायत की थी कि उनके कंपार्टमेंट से बुधवार को तड़के 10-15 लाख रुपये मूल्य की नकदी और कीमती वस्तुओं की चोरी हो गई।
कई यात्रियों ने नशे की दवाई देने की शिकायत करते हुए इस घटना में रेलवे के पेंट्री कर्मचारियों और कुछ अन्य कर्मचारियों के शामिल होने का आरोप लगाया था।
अधिकारी ने कहा, ‘हम यह जांच कर रहे हैं क्या बुकिंग ऑनलाइन उन्हीं आईडी से की गई थी और क्या उन्हें किराये में रियायत दी गई थी। हम मुंबई, रतलाम और कोटा पुलिस के साथ समन्वय कर रहे हैं तथा स्टाफ से बात कर रहे हैं।’’ चोरी ट्रेन के एसी-2 और एसी- 3 कोचों में हुई जो मुंबई और दिल्ली के बीच 11 जगह रूकती है।
अधिकारियों ने कहा कि वे समूचे मार्ग की सीसीटीवी फुटेज का अध्ययन कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्रालय ने कहा था कि प्रभावित सात कोच में एक-एक अटेंडेंट और सात हाउसकीपिंग स्टाफ को ड्यूटी से हटा दिया है।
( Source – PTI )