बंबई उच्च न्यायालय ने आज रायन इंटरनेशनल ग्रुप के ट्रस्टियों को गिरफ्तारी से मिले अंतरिम संरक्षण की अवधि कल तक के लिए बढ़ा दी । रायन इंटरनेशनल स्कूल की गुड़गांव शाखा में मारे गए सात साल के छात्र प्रद्युम्न के पिता ने मामले की सुनवाई के दौरान ग्रुप के ट्रस्टियों की अग्रिम जमानत का विरोध किया ।
उच्च न्यायालय ने मृत छात्र के पिता बरूण ठाकुर को निर्देश दिया कि वह ट्रस्टियों को उनकी अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करने वाली अपनी हस्तक्षेप अर्जी की प्रति मुहैया कराएं ।
दूसरी कक्षा के छात्र रहे प्रद्युम्न के पिता ने ग्रुप के सीईओ रायन पिंटो और उनके माता-पिता, ऑगस्टाइन पिंटो एवं ग्रेस पिंटो – की अग्रिम जमानत अर्जियों का विरोध करने के लिए हस्तक्षेप अर्जी दायर की है। ऑगस्टाइन पिंटो रायन ग्रुप के संस्थानक अध्यक्ष हैं जबकि ग्रेस पिंटो ग्रुप की प्रबंध निदेशक हैं । हरियाणा में संबंधित अदालत जाने तक गिरफ्तारी से संरक्षण की गुहार लगाने वाले पिंटो परिवार को आज तक के लिए अंतरिम संरक्षण दिया गया था ।
बरूण के वकील सुशील टेकरीवाल ने न्यायमूर्ति अजेय गडकरी को अपने मुवक्किल की हस्तक्षेप अर्जी के बारे में जानकारी दी, जिसके बाद अदालत ने उन्हें इसकी एक प्रति पिंटो के वकील नितिन प्रधान को देने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति गडकरी ने कहा, ‘‘जब तक आप (ठाकुर) आवेदकों (पिंटो) को आवेदन की प्रति नहीं मुहैया कराते, तब तक आप उनसे जवाब की उम्मीद कैसे कर सकते हैं ? मैं कल अर्जियों पर सुनवाई करूंगा । तब तक अंतरिम राहत जारी रहेगी ।’’ हत्या के ब्यौरे का जिक्र करके जब टेकरीवाल ने मामले में बहस की शुरूआत की तो न्यायमूर्ति गडकरी ने कहा कि वह मामले के गुण-दोष पर सुनवाई नहीं कर सकते, क्योंकि यह मामला उनकी अदालत के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता ।
उन्होंने कहा, ‘‘यह सिर्फ ट्रांजिट जमानत की अर्जी है । मैं मेरिट पर मामले की सुनवाई नहीं कर सकता ।’’ गुड़गांव स्थित रायन इंटरनेशनल स्कूल परिसर में आठ सितंबर की सुबह प्रद्युम्न का शव बरामद किया गया था ।
पुलिस ने आरोप लगाया था कि 42 साल के बस कंडक्टर अशोक कुमार ने एक चाकू से प्रद्युम्न की हत्या उस वक्त कर दी थी जब उसने अप्राकृतिक यौनाचार की उसकी कोशिश का विरोध किया था । कुमार को गिरफ्तार किया जा चुका है ।
( Source – PTI )