
नोटबंदी का सकारात्मक प्रभाव अप्रैल से बैंकिंग प्रणाली में नई नकदी डालने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दिखने लगेगा और इससे आगे चलकर उपभोग में इजाफा होगा। आर्थिक मामलांे के सचिव शक्तिकान्त दास ने आज यह राय जताई।
उन्होंने कहा कि कंेद्र और राज्यांे के बीच वस्तु एवं सेवा कर में मतभेद के सभी मुद्दांे पर आम सहमति बन रही है। इस नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को एक जुलाई से क्रियान्वयन में लाया जाना है।
दास ने कहा, ‘‘नोटबंदी का असर मुख्य रूप से उपभोग पर पड़ा है और यह अस्थायी है। अगली तिमाहियांे से इसके दीर्घावधि और मध्यम अवधि के लाभ का नतीजे काफी सकारात्मक होंगे।’’ दास ने यहां आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन द्वारा भारत पर आर्थिक सर्वे जारी किए जाने के मौके पर कहा, ‘‘बैंकिंग प्रणाली में नई करंेसी डालने की प्रक्रिया जारी है। यह लगभग पूरी होने वाली है। तिमाही के दौरान उपभोग पर किसी तरह के प्रतिकूल असर का प्रभाव अगले साल तक नहीं खिंचेगा। अब यह पीछे छूट चुका है।’’ ओईसीडी ने चालू वित्त वर्ष के वृद्धि दर के अनुमान को नोटबंदी के प्रभाव की वजह से 7.4 से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया है।
( Source – PTI )