आम आदमी पार्टी :आप: के बागी विधायक देवेंद्र सहरावत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक और पत्र लिखकर कहा है कि दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के बाद संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त किये पार्टी के 21 विधायकों को अगर अयोग्य ठहराया जाता है तो इसके लिए वह ‘‘जिम्मेदार’’ होंगे।
सहरावत का यह ताजा मामला पार्टी में बढ़ रहे आंतरिक कलह को दिखलाता है, जो पहले ही अपने नेताओं पर लग रहे अनैतिक व्यवहार और कदाचार के आरोपों से जूझ रही है।
आप विधायक ने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी और जया बच्चन की नियुक्ति को उच्चतम न्यायालय द्वारा गैर-कानूनी ठहराये जाने के निर्णय की ‘भली-भांति जानकारी’ होने के बावजूद केजरीवाल ने ‘आशीष तलवार जैसे सलाहकार’ के ‘परामर्श’ पर उनको संसदीय सचिव नियुक्त किया, जिनको इन चीजों की ‘कोई जानकारी’ नहीं है।
सहरावत ने पार्टी की पंजाब इकाई के नेताओं पर टिकट के बदले महिलाओं के शोषण का आरोप लगाया था जिसके बाद आप की राज्य इकाई ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
इसके बाद से ही बिजवासन के विधायक पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की आलोचना कर रहे हैं और इसी कड़ी में उन्होंने आप प्रमुख और उनकी ‘मंडली’ पर ताजा हमला बोला है।
उच्च न्यायालय ने आठ सितंबर के अपने आदेश में आप सरकार द्वारा 21 विधायकों की संसदीय सचिव के रूप में नियुक्ति को गैर-कानूनी ठहरा दिया था क्योंकि इसे दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी नहीं मिली थी।
सहरावत ने अपने पत्र में कहा, ‘‘मौजूदा स्थिति यह है कि इन 21 विधायकों पर विधानसभा की सदस्यता खत्म होने का संकट मंडरा रहा है और अब यह आपकी जिम्मेदारी है क्योंकि आपने ना सिर्फ उन्हें फिर से चुनाव का सामना करने के लिए मजबूर किया है वरन एक बार फिर चुनाव :संभावित तौर पर: के जरिये आप ने दिल्ली के लोगों पर भार डाला है।’’
( Source – पीटीआई-भाषा )