![सहायक कारा अधीक्षक सेवा से बर्खास्त](https://www.pravakta.com/news/wp-content/uploads/sites/3/2017/07/jail-300x212.jpg)
बिहार के समस्तीपुर जिला के रोसडा उपकारा में पदस्थापित रहे पूर्व सहायक कारा अधीक्षक सुधीर कुमार को अपने वरीय पदाधिकारी के साथ अभद्र व्यवहार करने, कारा कर्मियों एवं बंदियों को अनावश्यक परेशान करने तथा कुख्यात बंदियों के साथ सांठगांठ रखने के आरोप में आज सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
कारा महानिरीक्षक आनंद किशोर ने आज बताया कि सुधीर कुमार के विरूद्ध यह कार्रवाई उनके उपर गठित विभागीय जांच दल द्वारा समर्पित जांच प्रतिवेदन में आरोपों की पुष्टि होने के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है।
ज्ञात हो कि रोसडा उपकारा के तत्कालीन सहायक अधीक्षक सुधीर कुमार को गत वर्ष 22 नवंबर को ही निलंबित कर दिया गया था क्योंकि उनके ऊपर तत्कालीन काराधीक्षक :सम्प्रति अधीक्षक मंडल कारा शेखपुरा: के साथ अभद्र व्यवहार करने एवं अशोभनीय शब्दों का प्रयोग करने, कारा कर्मियों और बंदियों को अनावश्यक परेशान करने तथा कुख्यात बंदियों के साथ सांठ—गांठ रखने का आरोप था।
उन्होंने बताया कि विभागीय जांच में पाया गया कि सुधीर कुमार ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए अवैध रूप से राशि संग्रहण का कार्य किया। इनके द्वारा बडी राशि बगैर किसी लेखा—जोखा के रखना, इनकी बंदियों के साथ सांठ—गांठ के साथ ही अवैध राशि वसूली को प्रमाणित करता है।
किशोर ने बताया कि सुधीर के बंदियों से साथ सांठ—गांठ का व्यवहार कारा के लिए कभी भी गंभीर समस्या उत्पन्न कर सकता है।
उन्होंने बताया जांच में पाया गया कि गत वर्ष 7 मार्च को सुधीर कुमार द्वारा तत्कालीन काराअधीक्षक के साथ उनके कार्यालय कक्ष में अभद्र व्यवहार एवं अशोभनीय शब्दों का प्रयोग किया गया जो अपने वरीय पदाधिकारी :विशेषकर महिला पदाधिकारी: के प्रति सरकारी सेवा के आचरण व मर्यादा के विरूद्ध घोर लापरवाही, अनुशासनहीनता, कर्तव्यहीनता को दर्शाता है।
किशोर ने बताया कि जांच में पाया गया सुधीर का व्यवहार अधीक्षक के साथ अमर्यादित रहा है जो कारा की विधि व्यवस्था के दृष्टिकोण से कतई उचित नहीं है। कारा जैसे संवेदनशील जगह पर इनके जैसे पदाधिकारी के रहने से कारा की विधि व्यवस्था का खराब होना स्वभाविक है।
उल्लेखनीय है कि 20 अप्रैल 2015 को सुधीर द्वारा बंदियों के साथ भी अमार्यादित भाषा प्रयोग किया गया जिसके बाद उनको भविष्य के लिए सचेत करते हुए कारा की विधि एवं शांति व्यवस्था हेतु कार्यशैली विकसित करने का निर्देश दिया गया।
( Source – PTI )