
उच्चतम न्यायालय ने सूखे जैसी स्थिति से निपटने के लिए आज केंद्र को आपदा राहत कोष बनाने के लिए कहा और कृषि मंत्रालय को आदेश दिया कि स्थिति का आकलन करने के लिए वह बिहार, गुजरात और हरियाणा जैसे प्रभावित राज्यों के साथ एक सप्ताह के अंदर एक बैठक करे।
न्यायमूर्ति एम बी लोकुर की अगुवाई वाली पीठ ने केंद्र को आदेश दिया कि वह आपदा प्रबंधन कानून के प्रावधानों का कार्यान्वयन करे और वैज्ञानिक आधारों पर सूखे की घोषणा करने के लिए एक समय सीमा तय करे।
साथ ही न्यायालय ने आपदा से प्रभावित किसानों को कारगर राहत देने के लिए केंद्र को सूखा प्रबंधन नियमावली की समीक्षा करने और संकट से निपटने के लिए एक राष्ट्रीय योजना बनाने के लिए भी कहा।
पीठ में न्यायमूर्ति एन वी रामना शामिल हैं। पीठ ने कहा ‘‘कृषि मंत्रालय को स्थिति का आकलन करने के लिए सूखा प्रभावित बिहार, गुजरात और हरियाणा के मुख्य सचिवों के साथ एक सप्ताह के अंदर एक बैठक करने का आदेश दिया जाता है।’’ इसके अलावा न्यायालय ने आदेश दिया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल को सूखे जैसी स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए तथा उपकरण दिए जाने चाहिए।
( Source – पीटीआई-भाषा )