सरोजिनीनगर सीट : स्वाति के सामने इतिहास रचने की चुनौती

सरोजिनीनगर सीट : स्वाति के सामने इतिहास रचने की चुनौती
सरोजिनीनगर सीट : स्वाति के सामने इतिहास रचने की चुनौती

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दयाशंकर सिंह की कथित विवादित टिप्पणी के मामले में बसपा मुखिया मायावती से डटकर सवाल पूछकर सुखिर्यों में आने के बाद भाजपा प्रदेश महिला मोर्चे की अध्यक्ष बनीं स्वाति सिंह के सामने आगामी विधानसभा चुनाव में सरोजिनीनगर सीट जीतकर इतिहास रचने की चुनौती है।

स्वाति अपने पति दयाशंकर द्वारा मायावती के बारे में कथित अस5य भाषा का इस्तेमाल किये जाने के बाद हुए घटनाक्रम से एक मजबूत महिला के रूप में उभरी थीं। भाजपा ने इस बार उन्हें उस सरोजिनीनगर सीट से प्रत्याशी बनाया है, जहां से पार्टी कभी नहीं जीती। इस तरह राजनीति में नवागंतुक स्वाति के सामने इतिहास रचने की चुनौती है।

स्वाति ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा ‘‘मैं तो मायावती के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहती थी, चूंकि वह चुनाव मैदान में नहीं हैं, इसलिये मेरी पार्टी ने मुझे सरोजिनीनगर सीट से टिकट दिया है। मैं क्षेत्र में जमकर मेहनत कर रही हूं।’’ स्वाति ने अपने पति द्वारा की गयी टिप्पणी के खिलाफ लखनउ में हुए बसपा के प्रदर्शन के दौरान पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के ‘जैसे को तैसा’ वाले व्यवहार का कड़ा विरोध करते हुए बसपा प्रमुख मायावती से कई खरे सवाल पूछे थे।

उन्होंने पूछा था कि मायावती जिस आरोप में उनके पति को जेल भिजवाना चाहती हैं, वह ठीक उसी तरह की हरकत करने वाले अपने नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी और अन्य बसपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ वैसी ही कार्रवाई क्यों नहीं करवा रही हैं। मायावती इस तर्क का कोई जवाब नहीं दे पायी थीं।

मायावती के खिलाफ सम्भवत: पहली बार किसी महिला के डटकर सामने खड़े होने से स्वाति को खूब चर्चा मिली थी और भाजपा ने उन्हें अपने महिला मोर्चे की प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था। इस तरह एक सामान्य गृहिणी की राजनीतिक पारी शुरू हुई।

( Source – PTI )

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