शिक्षक दिवस व भारत के पूर्व राष्ट्रपति स्व. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्म दिन पर अखिल विश्व हिन्दी समिति, टोरोंटो, कनाडा द्वारा भारतीय कोंसलावास, टोरोंटो व सहयोगी संस्थाओं के साहचर्य में 5 सितम्बर 2020 को प्रातः 10 से सायं 1 बजे (भारतीय समय सायं 7:30 से 10:30) तक आयोजित एक भव्य ‘ई- विश्व कवि सम्मेलन’ अद्भुत भाव तरंग, साहित्यिक सौजन्य व आध्यात्मिक संवेदन के साथ सम्पन्न हुआ ।

टोरोंटो, कनाडा की भारतीय कोंसलाधीश सम्माननीया अपूर्वा श्रीवास्तव जी समारोह की मुख्य अतिथि थीं। कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि थे डॉ. दीपक पांडेय, सहायक निदेशक, केन्द्रीय हिंदी निदेशालय, नई दिल्ली। कार्यक्रम की अध्यक्षता की अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी समिति, भारत के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. दाऊजी गुप्ता ने। हिन्दी एवं संस्कृति शोध संस्थान, भारत के महासचिव व सेंट जोन्स कॉलेज- आगरा के पूर्व प्रोफेसर व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. श्रीभगवान शर्मा जी उपाध्यक्ष थे।

कनाडा से हिंदी प्रचारिणी सभा के अध्यक्ष व ‘हिंदी चेतना’ के प्रमुख सम्पादक श्री श्याम त्रिपाठी जी कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि थे। कनाडा से प्रो. सरन घई, डॉ. साधना जोशी, आचार्य संदीप त्यागी व श्रीमती मीना चोपड़ा जी विशिष्ट अतिथि रहे। भारत से विशिष्ट अतिथियों में थे श्री इष्टदेव सांस्कृतायन, प्रो. व डॉ. अमर सिंह, छिंदवाड़ा, म.प्र., डॉ. ज्योत्सना शर्मा- आगरा, डॉ. रजनी शर्मा- राँची, श्रीमती ममता नन्दा- प्रधानाचार्या- रायन इंटरनेशनल स्कूल- दिल्ली, श्रीमती मीना गोयल, अध्यक्षा, हमारा मिशन डिग्निटी, नई दिल्ली व श्रीमती अनुराधा पंत, प्रधानाचार्या, पब्लिक स्कूल, रोहिणी, दिल्ली। डॉ. प्रवीन गुप्ता, अंतर्राष्ट्रीय महासचिव, अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी समिति, भारत आयोजन कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाये।

इस सम्मेलन का आयोजन व संचालन अखिल विश्व हिन्दी समिति, आध्यात्मिक प्रबंध पीठ व मधु प्रकाशन, टोरोंटो के अध्यक्ष व हिन्दी साहित्य सभा के महासचिव श्री गोपाल बघेल ‘मधु’ ने किया । सहायक संचालक थे फ़्रीडम योगा व संस्कृत योग सभा, कनाडा के अध्यक्ष आचार्य संदीप त्यागी जी।

पहले सभी उपस्थित साहित्यिकार व श्रोता परस्पर परिचय किए। लगभग 35 शिक्षक व साहित्यकार कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। उपस्थित साहित्यकारों में भारत, कनाडा, इत्यादि देशों से सहभागिता हुई।

कार्यक्रम का आरम्भ आचार्य संदीप त्यागी व श्री गोपाल बघेल ‘मधु’ द्वारा हुआ। श्री गोपाल बघेल ‘मधु’ ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया व विशिष्ट अतिथियों और सभी उपस्थित साहित्यकारों का परिचय कराया। संचालक श्री गोपाल बघेल ‘मधु’ ने मुख्य अतिथि का परिचय कराया व अपनी दो रचनाएँ (‘रहे शिक्षक हैं जगत परिचालक’ व ‘ज्ञान अक्षर का प्रथम जो देता’) सुनाते व शिक्षकों की महत्ता बताते हुए मुख्य अतिथि को अपने आशीर्वचन कहने के लिए आमंत्रित किया।

तत्पश्चात् सम्मेलन को मुख्य अतिथि सम्माननीया भारतीय कोंसलाधीश अपूर्वा श्रीवास्तव जी ने सम्बोधित किया। उन्होंने शिक्षक दिवस व भारत के पूर्व राष्ट्रपति स्व. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्म दिन के विषय में अपने उद्गार व्यक्त किेए और साहित्य के प्रसार प्रचार के लिए अपनी प्रतिवद्धता जताई। उन्होंने आयोजक श्री गोपाल बघेल ‘मधु’ व अन्य सभी साहित्यकारों को तुरंत कार्यक्रम आयोजित करने के लिए साधुवाद दिया और उनके अनवरत प्रयासों को सराहा व भारतीय कोंसलावास की और से हिन्दी के विकास व उन्नयन के लिये हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया ।

तदुपरांत सम्मेलन को भारत के प्रमुख अतिथियों डॉ. दाऊजी गुप्ता, डॉ. श्रीभगवान शर्मा, डॉ. अमर सिंह, डॉ. ज्योत्सना शर्मा व डॉ. रजनी शर्मा और कनाडा के श्री श्याम त्रिपाठी, प्रो. सरन घई, डॉ. साधना जोशी, कवयत्री मीना चोपड़ा व श्री चन्द्र कुमार सिंह ने सम्बोधित किया व अपनी अपनी रचनाएँ सुनाईं। कार्यक्रम में इसके उपरांत अन्य सभी उपस्थित कवियों ने अपनी मार्मिक व मंत्रमुग्ध करने वाली रचनाएँ सुनाकर श्रोताओं का हृदय तरंगित किया।

काव्य पाठ करने वाले कनाडा के अन्य कवि गण थे आचार्य संदीप त्यागी, राज माहेश्वरी जी इत्यादि।

कनाडा की अन्य कवयत्रियों में थीं सर्व श्रीमती श्यामा सिंह व राज कश्यप जी। कनाडा की कवयत्री सविता अग्रवाल व कवि श्री अजय गुप्ता अपनी रचनाएँ नहीं सुना पाए। भारत से काव्यपाठ करने वाले अन्य प्रमुख कवि गण थे डॉ. रवीन्द्र पाल, शायर राजू पाल सिंह, आदि। भारत से काव्य पाठ करने वाली अन्य कवयत्रियाँ थीं श्रीमती रेखा पाण्डेय- पुणे, डॉ कुमुद बाला मुखर्जी- हैदराबाद, इत्यादि।

साहित्यिकारों व वक्ताओं ने शिक्षक दिवस व भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, इत्यादि पर अपनी ओजस्वी, सार गर्भित, चेतना संस्फुरित, मधुर कण्ठों से गायी रचनाएँ व आत्म संप्रेषण से तरंगित प्रस्तुतियाँ दे सबको आनन्दित किया।

भारतीय कौंसलावास टोरोंटो के वरिष्ठ कोंसल श्री देविंदर पाल सिंह जी, डॉ. दाऊजी गुप्ता, डॉ. प्रवीन गुप्ता, आचार्य संदीप त्यागी, श्री चंद्र कुमार सिंह, श्री सेवक सिंह जी, इत्यादि का इस आयोजन में विशेष योगदान रहा। श्रोता गणों में सर्व श्री सेवक सिंह, अजय गुप्ता जी, श्री रामवीर सिंह, श्री जंगबहादुर पाल, आदि रहे।

मुख्य अतिथियों ने साहित्यकारों को हिन्दी साहित्य की सेवा करने के लिये सराहा, प्रोत्साहित किया और सहयोग के लिए आश्वस्त किया। पूर्ण मनोयोग से आ. डॉ. दाऊजी गुप्ता जी की उपस्थिति रही और उनके विचार व वक्तव्य विशेष रूप से प्रेरणास्पद रहे। डॉ. श्रीभगवान शर्मा जी का संवोधन हर आयोजन की तरह हृदयों को आल्ह्वादित करने वाला था । उन्होंने व अन्य प्रमुख अतिथियों ने आयोजन की गरिमापूर्ण प्रस्तुति के लिये आयोजक व संचालक श्री गोपाल बघेल ‘मधु’ को धन्यवाद दिया व उनकी आध्यात्मिक व हिन्दी साहित्य की सेवाओं की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।

कार्यक्रम में अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी समिति – भारत, कनाडा की हिन्दी साहित्य सभा, आध्यात्मिक प्रबंध पीठ, फ़्रीडम योगा, विश्व हिन्दी संस्थान, इत्यादि संस्थाओं का भरपूर सहयोग मिला। सभी कवि व श्रोता गणों एवं अतिथियों के तन- मन व हृदय से किये परोक्ष-अपरोक्ष सहयोग के लिये संस्था की ओर से हार्दिक आभार व साधुवाद दिया गया। अन्त में साहित्य की सेवा के लिये सभी कवियों, कवयित्रियों, श्रोताओं व सहयोगियों को आयोजकों की ओर से साधुवाद दिया गया। कार्यक्रम का समापन श्लोकों, ‘संग्छध्वं सम्बदध्वं..’ मंत्र व ‘ॐ मधु वाता ऋतायते’ इत्यादि से हुआ ।

सम्मेलन के चित्र व चलचित्र भेज रहे हैं। चित्र, चलचित्र, आदि व्हाट्सऐप, फ़ेसबुक, ईमेल व पत्र पत्रिकाओं द्वारा भी उपलब्ध हैं। चल- चित्र देख कर इस ‘ई-विश्व कवि सम्मेलन’ का पूरा आनन्द आप ले सकते हैं।

गोपाल बघेल ‘मधु’

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