पिछले कुछ समय से बेहतरीन प्रदर्शन कर रही भारतीय टीम कल यहां जब तीन मैचों की श्रृंखला के पहले मैच में श्रीलंका का सामना करने के लिये उतरेगी तो उसका लक्ष्य टेस्ट क्रिकेट में अपना दबदबा बरकरार रखना होगा।
यह वही स्थान है जहां भारत को दो साल पहले शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था लेकिन इसके बाद उसने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया और विश्व की नंबर एक टीम बना।
विराट कोहली एंड कंपनी 2015 में गाले अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में मिली हार का बदला चुकता करने के लिये बेताब होगी। तब भारतीय टीम चौथे दिन 176 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 112 रन पर ढेर हो गयी थी।
तब से अब तक काफी कुछ बदल चुका है। युवा और आक्रामक कोहली अब परिपक्व कप्तान बन गया है जिनकी अगुवाई में टीम ने 2016-17 के सत्र में वेस्टइंडीज, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, बांग्लादेश और आस्ट्रेलिया के खिलाफ 17 टेस्ट मैचों में से 12 में जीत दर्ज की।
भारतीय टीम तीन मैचों की श्रृंखला में इसी आत्मविश्वास के साथ उतरेगी जिससे वह अपने नये सत्र की भी शुरूआत करेगा।
इसके साथ ही रवि शास्त्री दूसरी बार भारतीय टीम के महत्वपूर्ण पद पर अपनी नयी पारी की शुरूआत करेंगे। टीम पिछले पांच दिन से साथ में है और लगता है कि खिलाड़ियों ने अनिल कुंबले के पद छोड़ने और कोच चयन प्रक्रिया को लेकर चले नाटकीय घटनाक्रम को पीछे छोड़ दिया है।
शास्त्री अब मुख्य कोच के रूप में टीम से जुड़ गये हैं जबकि भरत अरूण गेंदबाजी कोच बन गये हैं इससे यह कहा जा सकता है कि भारतीय टीम प्रबंधन में काफी समानताएं हो गयी हैं। यह लंबे और कई बार खीझ पैदा करने वाले घटनाक्रम का सकारात्मक पहलू है।
इस पूरे घटनाक्रम के मद्देनजर शास्त्री की निगाह अब गाले स्टेडियम में अच्छा परिणाम हासिल करने पर टिकी रहेंगी जहां मेजबान टीमों को अक्सर जूझना पड़ा है। तब वह टीम निदेशक थे और तब उन्होंने कोलंबो में दूसरे टेस्ट मैच से पूर्व अपनी टीम का हौसला बढ़ाया। इसका फायदा भी मिला और भारत आखिर में यह श्रृंखला 2-1 से जीतने में सफल रहा था।
( Source – PTI )