लंबे इंतजार के बाद गौतमबुद्ध नगर के  Chi V, Greater Noida, Uttar Pradesh 201310 में शुरू होने वाले संपदा लीविया प्रोजेक्ट Sampada Livia के खरीदारों ने खुद फ्लैट्स का निर्माण कार्य शुरू करा दिया है। फ्लैट बायर की एसोसिएशन SLB Welfare Association इस प्रोजेक्ट को पूरा कराने की जिम्मेदारी उठाएगी। साथ ही उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) ने निर्माण गुणवत्ता की जांच और इसे बनाए रखने के लिए उनकी मदद के लिए एक सलाहकार नियुक्त किया है। सलाहकार बिल्डिंग के निर्माण की क्वालिटी के साथ-साथ एस्क्रो अकाउंट से होने वाले लेन-देन का हिसाब भी रखेंगे।यह देश का ऐसा पहला प्रोजेक्ट है, जिसे खरीदार बिल्डर से लेकर स्वयं पूरा करा रहे हैं। हालांकि इस परियोजना के पूरा होने में अभी 4 साल का वक्त लगेगा। 

गौतम बुध नगर में आए दिन यह खबर सुनने को मिलता है कि फलाना बिल्डर बायर के पैसे खा कर भाग गया या वह मामला कोर्ट में है , ऐसे में परेशान हो रहे बायर के पास रेरा में गुहार लगाना पड़ता है। यूपी रेरा द्वारा कोशिश की जा रही है कि गौतम बुध नगर में फंसे प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द निपटा कर लाखों बायर को उनका हक दिलाया जाए। ऐसे ही एक मामले में रेरा बायर एसोसिएशन द्वारा संपदा लीविया , Chi V, नामक प्रोजेक्ट की नींव यूपी रेरा के मेंबर श्री बलविंदर कुमार ने अपने हाथों से रखी। ऐसे में इस प्रोजेक्ट में फंसे 300 से ज्यादा बायर ने चैन की सांस ली। हालांकि यूपी रेरा के फैसले के खिलाफ बिल्डर ने ट्रिब्यूनल और हाई कोर्ट में अपील की, मगर उसे कोई राहत नहीं मिली। बायर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉक्टर आकांक्षा अग्रवाल ने कहा कि कई सालों की मेहनत के बाद रेरा द्वारा आज उनके प्रोजेक्ट की नींव रखी गई है। उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में यह प्रोजेक्ट जल्द से जल्द कंप्लीट हो जाएगा। वह 300 लोग जो पिछले कई सालों से प्रोजेक्ट बनने का इंतजार कर रहे हैं वह चैन की सांस ले सकेंगे और उन्होंने रेरा को भी धन्यवाद दिया।

बताते चलें कि संपदा लीविया प्रोजेक्ट में कुल 726 फ्लैट बनने हैं। हालांकि 350 फ्लैट बिक चुके हैं। यूपी रेरा ने जब ऑडिट कराया तो पता चला था कि इस प्रोजेक्ट का 45 करोड़ बिल्डर ने दूसरी तरफ डायवर्ट किया था। इस वजह से प्रोजेक्ट का सिर्फ 10% काम हो सका है।

इस परियोजना को फिर से शुरू करने के लिए टीम हैं: –

1. 7 एसोसिएशन के सदस्य

2. तकनीकी टीम – श्री पंकज चंद्र

3. कंस्ट्रक्शन कंपनी – अक्षिता इंफ्राटेक- श्री आशीष पाण्डेय

4. कानूनी टीम – अधिवक्ता के एन मिश्रा, अधिवक्ता हरीश पांडेय

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