उत्तर प्रदेश के खतौली में हुए भीषण ट्रेन हादसे के कारण का पता लगाने के लिए अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है। यह पता करने के लिए राहत एवं बचाव अभियान अभी जारी है कि क्या पटरी से उतरे उत्कल एक्सप्रेस के डिब्बों में अभी और लोग फंसे हुए हैं।
ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतरने के कारण 21 लोगों की मौत हो गई और 156 लोग घायल हो गए।
रेलवे बोर्ड के सदस्य :यातायात : मोहम्मद जमशेद ने कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया, ऐसा लगता है कि पटरियों पर मरम्मत का कार्य चल रहा था । जांच से पता चला है कि किस वजह से हादसा हुआ। ’’ रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष से आज कहा कि वह इस घटना को लेकर ‘‘प्राथमिक साक्ष्यों के आधार पर दिन के आखिर तक’’ जवाबदेही तय करें।
रेलवे ने आज पटरियों पर से मलबा हटाने के लिए हाई-टेक क्रेनों और कई कर्मचारियों को तैनात किया है। पटरी से उतर चुके डिब्बों को हटाने के लिये 140 टन वजन की दो क्रेनों को सेवा में लगाया गया था, जिनकी सहायता से हादसे में जीवित बचे लोगों को मलबे से सुरक्षित बाहर निकालने एवं हादसे के शिकार हुए लोगों के शवों को निकालने का काम पूरी रात चलता रहा।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की ओर से चलाया गया बचाव अभियान आज तड़के करीब तीन बजे पूरा हुआ। तेज गति से आ रही उत्कल एक्सप्रेस के 13 डिब्बे कल उत्तर प्रदेश के खतौली के निकट पटरी से उतर गये। इनमें से एक डिब्बा रेलवे पटरी के पास मौजूद एक घर से जा टकराया । दुर्घटना में 21 यात्रियों की मौत हो गयी है ।
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रधान सचिव (सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि घायलों में से कई की हालत गंभीर है।
उन्होंने पीटीआई-भाषा को फोन पर बताया, ‘‘उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन हादसे में कुल 156 लोग घायल हुए हैं और उनमें से कई लोगों की हालत गंभीर है।’’ घटना के बारे में जानने के लिए उत्सुक लोगों की भीड़ घटनास्थल पर आज सुबह जमा हो गयी। दो कोचों को वहां से खींचकर पटरी से दूर जमीन पर रख दिया गया।
पास की जगहों से लाइनमैन और अन्य कामगारों को बुलाकर अवांछित पत्थरों को हटाया गया और क्षतिग्रस्त पटरियों को मजबूत करने के लिये कंक्रीट की नयी स्लीपर्स को वहां डाला गया।
वहां कार्यरत एक लाइनमैन ने कहा, ‘‘पटरियों से मलबा हटाने के लिये हमलोग पानीपत से आये हैं।’’ पलट चुके एक डिब्बे को हटाने का काम फिलहाल जारी है। एक डिब्बा स्थानीय कॉलेज की इमारत के अगले हिस्से से जा टकराया था जबकि पास के घर से टकराने वाले एक अन्य डिब्बे ने इसके अगले हिस्से को तहस नहस कर दिया था। इसे वहां से हटाकर जमीन पर लाना बाकी है।
दिल्ली डिवीजन के डीआरएम आर एन सिंह ने कहा, ‘‘ट्रेन में 23 डिब्बे थे जिनमें से 13 डिब्बे पटरी से उतर गये थे। दुर्घटना के वक्त ट्रेन करीब 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी।’’ पटरी से उतरे डिब्बों में से छह बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये हैं।
बुरी तरह क्षतिग्रस्त डिब्बे मलबा हटाने का काम जारी रखने में चुनौती खड़ी कर रहे हैं। तड़के करीब तीन बजे एनडीआरएफ के पहुंचने पर बचाव अभियान ने पूरी रफ्तार पकड़ी।
बीती शाम हुई दुर्घटना के बाद से घटनास्थल पर उत्तर प्रदेश पुलिस, आरपीएफ, पीएसी और आरआरएफ कर्मियों को तैनात किया गया है।
कल से ही हालात पर नजर रखे हुए रेल मंत्री ने शीर्ष अधिकारियों और मेडिकल टीम को निर्देश दिया है कि वह घायलों का इलाज करें और प्रभावित यात्रियों के रिश्तेदारों की हरसंभव सहायता करें।
प्रभु ने कल हुई इस दुर्घटना की जांच के आदेश दिये हैं। उन्होंने कहा कि वह स्वयं हालात पर नजर रख रहे हैं और लापरवाही होने की स्थिति में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री ने मृतकों के निकटतम परिजनों को 3.5 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार रुपये और मामूली रूप से चोटिल लोगों को 25 हजार रुपये बतौर सहायता राशि देने की घोषणा की है।
घायलों को मुजफ्फरनगर और मेरठ के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
( Source – PTI )