ब्रिटेन की कम्पनियां लगाएंगी दुनिया में अवैध वन कटान पर रोक


ब्रिटेन की सरकार एक ऐसा नया कानून लाने की योजना बना रही है जिसके बाद वहां की कंपनियां यह सुनिश्चित करेंगी कि उनके व्यापार के लिए ज़रूरी कच्चा माल और अन्य सामग्री वनों के अवैध कटान के ज़रिए न पैदा हुई हों।

इस कानून का मकसद ब्रिटेन के ‘डीफॉरेस्टेशन फुटप्रिंट’ को कम करना है। इस फुटप्रिंट का मतलब खासतौर से लैटिन अमेरिका, अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों से आयात किए जाने वाले सोया, पाम ऑयल, बीफ, कोको, पल्प और कागज के उत्पादन से उष्णकटिबंधीय जंगलों को होने वाले नुकसान से है।

ऐसा पहली बार है कि ब्रिटेन में इस तरह का कानून लाया जाएगा जिसमें कंपनियों के ऊपर यह जानने की जिम्मेदारी डाली जाएगी कि वे जो चीजें आयात कर रही हैं, जैसे कि सोया और पाम आयल इत्यादि, वे कहां से आ रही हैं। साथ ही कंपनियों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि वह देश में इस कानून के पाबंद हैं जहां वे इन वस्तुओं का आयात करते हैं। सरकार ने आगाह किया है कि इस कानून का पालन करने में नाकाम कंपनियों को जुर्माना अदा करना पड़ेगा। फ्रांस ने भी वर्ष 2017 में ऐसा ही कानून लागू किया था।

सरकार ने यह कदम उपभोक्ताओं की उस बढ़ती चिंता के बाद उठाया है जिसके तहत वे सोचते हैं कि वे जो वस्तुएं खरीद रहे हैं, उनके उत्पादन के लिए अमेजॉन तथा अन्य स्थानों पर वनों के कटान को बढ़ावा मिल रहा है। यूगॉव द्वारा हाल में किए गए सर्वेक्षण में पाया गया कि 55% लोगों का कहना है कि वह ऐसा मांस नहीं खरीदना चाहेंगे, जिसका संबंध वनों के कटान से हो। ब्रिटेन के सबसे बड़े सुपर मार्केट टेस्को ने भी कुछ हफ्ते पहले इस कानून की वकालत की थी और यह निवेशकों उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन करने वाली कंपनियों और रिटेलर्स के उस समूह में भी शामिल थी जिसने हाल में ग्लोबल रिसोर्स इनीशिएटिव में हिस्सा लिया था। यह इनीशिएटिव डिफॉरेस्टेशन को लेकर गठित एक बहु हितधारक मंच है। यह मंच ब्रिटेन में इस तरह के कानून का आह्वान करता है।

सोयाबीन और पाम आयल जैसे उत्पादों के अरबों डॉलर के इस व्यापार का हिस्सा बनी कारोबारी इकाइयां यह उम्मीद करेंगी कि न्यूनतम मानकों के लिए कानूनी आवश्यकताएं तय करके सरकार इन उत्पादों पर पूरी तरह पाबंदी या उनका बहिष्कार करने के आह्वान की संभावनाओं को खत्म करने में मदद करेगी। साथ ही उन्हें ब्रिटेन के उपभोक्ताओं की तरफ से  लगातार मिलने वाली आलोचना में भी कमी आएगी। इसके अलावा उपभोक्ताओं के बीच व्याप्त इस बेचैनी को भी खत्म किया जा सकेगा कि वे हर हफ्ते जो सामान खरीदते हैं वे वर्षा वनों को बर्बाद करके पैदा होता है।

ब्राजील का मौजूदा प्रशासन पर्यावरण संरक्षण संबंधी अपनी नीतियों को वापस लेने और अपने यहां वनों के कटान की बढ़ती दर को लेकर अंतरराष्ट्रीय निवेशकों, कंपनियों, सरकारों और ब्राजीली कंपनियों की जबरदस्त आलोचना से घिरा है। मई में बर्गर किंग जैसे सुपरमार्केट और कंपनियों ने कुख्यात ‘लैंड ग्रैबर्स बिल’ को लेकर बहिष्कार की धमकी दी थी। वनों की कटाई संबंधी अपनी चिंताओं की वजह से टेस्को ब्राजील का बीफ, चिकन और पोर्क नहीं खरीदता और ऐसा मुमकिन है कि यह कानून अन्य कंपनियों को भी टेस्को के नक्शे कदम पर चलने को मजबूर करेगा।

ब्रिटेन के सांसद का प्रस्ताव है कि वनों के कटान पर प्रभावी नियंत्रण के लिए उठाए जाने वाले इन कदमों को ‘एनवायरनमेंट बिल’ में शामिल किया जाना चाहिए, जो संसद में सितंबर में पेश किया जाना है।

·        पर्यावरण से जुड़े एनजीओ ‘आरएसपीबी’ और ‘डब्ल्यूडब्ल्यूएफ’ का अनुमान है कि ब्रिटिश उपभोक्ताओं द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली केवल सात चीजों की ही आपूर्ति के लिए सालाना औसतन 21.3 मिलियन हेक्टेयर रकबे में खेती किए जाने की जरूरत है। यह इलाका ब्रिटेन के कुल भूभाग के 88 प्रतिशत के बराबर है। ब्रिटेन में इन वस्तुओं की मांग और व्यापार की वजह से 2800 से ज्यादा ऐसी प्रजातियां पर बुरा असर पड़ेगा जो पहले से ही लुप्त होने की कगार पर हैं (इनमें सुमात्रा में ओरांगउटान और दक्षिण अमेरिका में नॉर्दन टाइगरकैट जैसी जंगली बिल्लियों की प्रजातियां शामिल हैं।)

·         कुदरती पारिस्थितिकी तंत्र के रूपांतरण और केवल 4 वस्तुओं कोको, पाम ऑयल, रबर और सोया के उत्पादन के लिए भू-आवरण में बदलाव से संबंधित ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन की बात करें तो वर्ष 2011 से 2018 के बीच यह प्रतिवर्ष औसतन 28 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड के आसपास रही। इसके पैमाने का अंदाजा लगाएं तो यह वर्ष 2016 में पूरे ब्रिटेन के कुल ओवरसीज कार्बन फुटप्रिंट के 78% के बराबर है। यह ध्यान देने लायक बात है कि इन विदेशी भू-उपयोग परिवर्तन उत्सर्जन का हिसाब ब्रिटिश सरकार देती है लेकिन उन्हें देश के राष्ट्रीय कार्बन बजट या जलवायु रणनीति में शामिल नहीं किया गया है, लिहाजा उन्हें कम करने की कोई जरूरत नहीं है।

·         कानून की जरूरतों को पूरा करने के लिए ब्रिटेन की कंपनियों को जिन मानकों की आवश्यकता होगी वह उत्पादनकर्ता देशों के मौजूदा कानूनों पर आधारित होंगे ताकि (उदाहरण के लिए) ब्राजील से आयात करने वाली कंपनी को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह जो सामान खरीद रही हैं वह आपूर्तिकर्ता देश में वनों के कटान के अनुमानित प्रतिशत से संबंधित ना हो। ऐसी कटान जिसके बारे में अनुमान हो कि वह अवैध रूप से की गई है। फ्रांस ने भी वर्ष 2017 में इसी तरह का कानून पारित किया था।

·         अभियानकर्ता समूह जंगलों को होने वाले नुकसान में ब्रिटेन की कंपनियों की भागीदारी की तरफ लगातार ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। ग्रीनपीस ने हाल में टेस्को से आग्रह किया था कि वह लैटिन अमेरिका में भ्रष्टाचार और वनों के अवैध कटान के मामलों से काफी समय से जुड़े मांस उत्पादक जेबीएस से अपने रिश्ते खत्म कर ले। टेस्को निवेशकों, उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन करने वाली कंपनियों और रिटेलर्स के उस समूह में भी शामिल थी जिसने ग्लोबल रिसर्च इंस्टिट्यूट में हिस्सा लिया था। यह इनीशिएटिव वनों के कटान को लेकर गठित एक बहु-हितधारक मंच है। यह मंच ब्रिटेन में इस तरह के कानून को लेकर आह्वान करता है।

·         टेस्को ब्राजील के बीफ, चिकन और पोर्क का आयात नहीं करता लेकिन इसने ब्रिटेन में जेबीएस के नियंत्रण वाली ब्रिटिश मीट उत्पादक कंपनियों मोय पार्क और ट्यूलिप से नाता तोड़ने से यह कहते हुए इनकार कर दिया है कि इससे हजारों लोगों का रोजगार छिन जाएगा और ब्रिटेन के किसानों को नुकसान होगा। टेस्को ने वनों के कटान से निपटने के लिए नए कानून लागू करने का आग्रह किया है।

·         ऐसा समझा जाता है कि प्रस्तावित कानून में यूरोपियन टिंबर रेगुलेशन जैसे सफल प्रयोग से मिले सबक को आधार बनाया गया है। यह रेगुलेशन यूरोपीय देशों और उष्णकटिबंधीय लकड़ी उत्पादकों के बीच हुई उस साझीदारी का हिस्सा है जो यूरोपीय संघ के बाजार से अवैध रूप से उत्पादित लकड़ी के आयात की तमाम संभावनाओं को खत्म करने के लिए तैयार की गयी थी। ब्रिटिश सरकार को उम्मीद है कि वह नवंबर 2021 में ग्लास्गो में आयोजित होने जा रही यूएन क्लाइमेट समिट के अध्यक्ष की भूमिका के जरिए ऐसी साझेदारियों को और बढ़ावा देगा।

·         सिविल सोसाइटी समूह यह मांग कर सकते हैं कि नए कानून को गैर प्रतिगामी धाराओं के जरिए सशक्त बनाया जाए ताकि अगर कोई उत्पादक देश वैध रूप से वनों के कटान को आसान बनाने का फैसला करता है तो भी मौजूदा मानकों को बनाए रखा जा सके। यह भी मांग हो सकती है कि उन धाराओं की समीक्षा की जाए जो भविष्य में ब्रिटेन के  फॉरेस्ट फुटप्रिंट को कम करने में कामयाब नहीं होने की स्थिति में इस कानून को और चुस्त बना सकें।

·         ग्रीनपीस के लिए यूगॉव द्वारा हाल में किए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया कि ब्रिटेन में 55% उपभोक्ता उन कंपनियों से मांस नहीं खरीदेंगे जो अमेजॉन वर्षा वनों के इलाकों में स्थित फार्म से भी मांस खरीदती हैं। 54 प्रतिशत उपभोक्ताओं का कहना था कि उन्हें यह कतई मंजूर नहीं है कि ब्रिटेन के सुपरमार्केट ऐसा मांस बेचें जो ब्रिटेन में उन कंपनियों द्वारा तैयार किया गया है जो अमेजॉन के वर्षा वनों में स्थित फार्म से भी मांस खरीदती हैं।

·         अमेजॉन में वनों की कटाई में लगातार इजाफा हो रहा है और जुलाई 2019 के मुकाबले जुलाई 2020 में इसमें 34% की बढ़ोत्तरी हुई है। चरागाहों तथा पशुपालन के लिए अक्सर वनों में जानबूझकर आग लगाने की घटनाओं में भी पिछले साल के मुकाबले 28% का इजाफा हुआ है। जंगलों की आग से दुश्वारियां और बढ़ गई है क्योंकि लोगों को आग से अपने घरों की हिफाजत के लिए कड़ा संघर्ष करने के साथ-साथ धुएं के प्रदूषण के खतरे का भी सामना करना पड़ता है।

इस फैसले का ब्राजील पर पड़ने वाला असर

·         ब्राजील सरकार को पर्यावरण संरक्षण संबंधी नियम कायदों को वापस लेने और अपने यहां वनों के कटान की बढ़ती दर की वजह से अंतरराष्ट्रीय निवेशकों, कंपनियों और सरकारों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। नए कानून और जांच-पड़ताल में बढ़ोतरी से ब्राजीली आपूर्तिकर्ताओं पर असर पड़ सकता है, अगर वे इस बात की गारंटी नहीं दे पाते कि वह जो सामान बेच रहे हैं वह वनों के अवैध कटान के जरिए उत्पादित नहीं किया गया है।

·         इससे उन ब्राजीली समूहों की आवाज और बुलंद होगी जो पर्यावरण को हो रहे जबरदस्त नुकसान को रोकने के लिए आपात कदम उठाने का लगातार आह्वान कर रहे हैं।

टेस्को के एक प्रवक्ता ने कहा : अमेजॉन जैसे कीमती पर्यावास को बचाए रखना बेहद महत्वपूर्ण है। जैसा कि हम पहले भी आह्वान कर चुके हैं, हम सरकारों द्वारा इस सलाह-मशवरे का स्वागत करते हैं जिनमें वैश्विक आपूर्ति श्रंखला से वनों के अवैध कटान के जरिए उत्पादित होने वाली वस्तुओं को पूरी तरह हटाने के लिए एक आबद्ध कारी नियमन की वकालत की जा रही है। टेस्को में हम लकड़ी, सोया, पाम और बीफ की आपूर्ति में वनों के शून्य कटान को लेकर प्रतिबद्ध हैं। यह ड्यू डिलिजेंस रिक्वायरमेंट सभी को एक समान मंच उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जो यह सुनिश्चित करेगा कि ब्रिटेन में उपलब्ध सभी खाद्य पदार्थ वास्तव में डिफोरेस्टेशन से मुक्त है।

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-यूके में विज्ञान एवं संरक्षण शाखा के अधिशासी निदेशक माइक बैरेट ने कहा “यह साफ जाहिर है की कंपनियां और उपभोक्ता ऐसी चीजों का आयात नहीं करना चाहते जिनके उत्पादन के लिए धरती को नुकसान पहुंचाना पड़े और अमेजॉन जैसे इलाकों में वनों के कटान को बढ़ावा मिले, जिसके परिणाम स्वरूप जंगलों में विनाशकारी आग लगे। सरकार को अब मजबूत और प्रभावशाली कानून तेजी से लागू करने होंगे ताकि हमारी आपूर्ति श्रंखलाएं साफ हो सकें और यह जाहिर हो कि ब्रिटेन कुदरत और जलवायु पर मंडरा रहे वैश्विक खतरे से निपटने की मुहिम का नेतृत्व कर सकता है।

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