
उत्तर प्रदेश में राज्यसभा के द्विवाषिर्क चुनाव में मतदान की तिथि करीब आने के साथ ही प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है। विधायकों से मैराथन बैठकों का सिलसिला जारी है। रालोद द्वारा कपिल सिब्बल के पक्ष में मतदान करने का वायदा किये जाने के बाद कांग्रेस सहज दिख रही है।
कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप माथुर ने ‘भाषा’ को बताया कि सिब्बल की जीत सुनिश्चित है, क्योंकि अजित सिंह के नेतृत्व वाले रालोद ने सांप्रदायिक ताकतों को हराने के लिए कांग्रेस और सपा के समर्थन का फैसला किया है।
राज्यसभा में जीत के लिए हर प्रत्याशी को प्रथम वरीयता वाले चौंतीस..चौंतीस मतों की आवश्यकता होगी।
इस हिसाब से कांग्रेस के 29 विधायक हैं तो उसके पास पांच वोट कम हैं। आठ विधायकों वाली रालोद कांग्रेस के समर्थन में वोट करती है तो सिब्बल की जीत तय है।
सपा ने सात उम्मीदवार उतारे हैं लेकिन उसके सातवें उम्मीदवार के पास प्रथम वरीयता वाले नौ वोट कम हैं।
प्रदेश विधानसभा में 403 सीटें हैं। सपा के 229, बसपा के 80, भाजपा के 41 और कांग्रेस के 29 विधायक हैं। बाकी सीटें पर छोटे दलों के और निर्दलीय विधायक हैं। इन्हीं छोटी पार्टियों और निर्दलीय विधायकों की भूमिका निर्णायक होगी।
( Source – पीटीआई-भाषा )