
संघ लोक सेवा आयोग :यूपीएससी: का कहना है कि केंद्र सरकार लिंगानुपातिक कार्यबल विकसित करने हेतू लोक सेवा परीक्षा के लिए ज्यादा संख्या में महिला परीक्षार्थियों को आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित करने को लेकर प्रयासरत हैं।
‘संघ लोक सेवा आयोग’ भारतीय प्रशासनिक सेवा :आईएएस:, भारतीय विदेश सेवा :आईएफएस: और भारतीय पुलिस सेवा :आईपीएस: जैसे कई महत्वपूर्ण लोक सेवाओं के लिए अधिकारियों के चयन हेतू परीक्षा आयोजित करती है।
इस साल होने वाली परीक्षा के लिए जारी एक अधिसूचना में कहा गया, ‘‘सरकार लिंगानुपात को दर्शाने वाला कार्यबल तैयार करने और महिलाओं को आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतू प्रयासरत है।’’ प्रतिवर्ष इस परीक्षा का आयोजन तीन चरणों में होता है जिसमें प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार होता है। इस साल की प्रारंभिक परीक्षा 18 जून को होगी।
सरकार ने इस साल विभिन्न सिविल सेवाओं से संबंधित पदों के लिए इस परीक्षा के द्वारा 980 अधिकारियों को लेने का फैसला किया है।
यूपीएससी ने परीक्षार्थियों को जल्दी आवेदन करने की भी सलाह दी है ताकि परीक्षार्थियों को अपनी पसंद का परीक्षा केंद्र मिल सके।
देश भर में इसके कुल 72 परीक्षा केंद्र हैं।
आयोग ने कहा है, ‘‘परीक्षा केंद्रों का आवंटन ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर किया जाएगा। आवेदकों को यह सलाह दी जाती है कि वे पहले आवेदन करें ताकि उन्हें अपनी पसंद का सेंटर मिल सके।’’ इस साल की प्रारंभिक परीक्षा के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 17 मार्च है।
( Source – PTI )