लखनऊ:उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री को सरकारी बंगले खाली करने का आदेश दे दिया गया है, जिसमे इन्हें 15 दिन के भीतर सरकारी बंगले खाली करने को कहा गया है।इस बात जानकारी देते हुए संपत्ति विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नोटिस जारी किए जा रहे हैं। कल सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को ये पहुंच जाएंगे। इस समय छह पूर्व मुख्यमंत्रियों नारायण दत्त तिवारी, मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, मायावती, राजनाथ सिंह और अखिलेश यादव के पास सरकारी बंगले हैं जो वीवीआईपी जोन में पड़ते हैं।आपको कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि इन सभी को वह सरकारी बंगले खाली करने होंगे जो उन्हें सीएम पद के रहते दिए गए हैं। जब पद समाप्त हो गया तब बंगले भी खाली कर देना चाहिए। कहा जा रहा है साल 2016 में भी लोकप्रहरी नाम के एक एनजीओ ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला दिए जाने के फैसले को चुनौती दी थी।जिसपर अखिलेश सरकार ने पुराने कानून में संशोधन के साथ यूपी मिनिस्टर सैलरी अलॉटमेंट ऐंड फैसिलिटी अमेंडमेंट एक्ट 2016 के तहत विधानसभा से पास करा लिया था। अखिलेश सरकार के इन अमेडमेंट के बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले मिल गए थे।सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मिनिस्टर सैलरी अलॉटमेंट ऐंड फैसिलिटी एक्ट 1981 की धारा 4 (1) को आधार बनाया था। इसके तहत पूर्व सीएम को पद छोड़ने के 15 दिन के बाद सरकारी बंगला खाली करना होता है। तब सुप्रीम कोर्ट ने सीएम आवास आवंटन कानून 1997 को खारिज कर दिया था।वहीँ हाल ही समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात की थी। इस मुलाक़ात के बारे में कहा जा रहा है कि मुलायम सिंह मुख्यमंत्री से मुख्यमंत्रियों से उनके सरकारी बंगले खाली करने के निर्देश के बारे में बात करने गए थे। जबकि वहीँ सरकारी अधिकारियों ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया था लेकिन सूत्रों का कहना है कि मुलायम सिंह अपने बंगले के बारे में ही बात करने गए थे।