दिल्ली उच्च न्यायालय उस बीएसएफ जवान की पत्नी की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर तत्काल सुनवाई करने पर आज तैयार हो गया जिसने वीडियो पोस्ट करके जवानों को खराब गुणवत्ता वाला भोजन दिए जाने का आरोप लगाया था।
महिला ने दावा किया है कि उसका पति तेज बहादुर यादव लापता है और उनका परिवार उनसे पिछले तीन दिनों से संपर्क नहीं कर पाया है।
न्यायमूर्ति बी डी अहमद और न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार की पीठ के समक्ष याचिका की तत्काल सुनवाई का जिक्र किया गया। पीठ ने इस मामले पर सुनवाई को आज अपराह्न के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
जवान की पत्नी की ओर से पेश हुए वकील मनीष तिवारी ने कहा कि जवान का पिछले कुछ दिनों से कोई अता पता नहीं है इसलिए अदालत को इस मामले में सुनवाई करनी चाहिए।
पीठ ने मामले की अत्यावश्यकता को स्वीकार करते हुए कहा, ‘‘ठीक है, इस :याचिका: पर सुनवाई आज की जाएगी।’’ यादव ने नौ जनवरी को फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट किया था। वीडियो में खाने का एक डिब्बा दिखाया गया था जिसमें पानी जैसी दाल और एक जली हुई रोटी थी। यादव ने कहा था कि इस दाल में केवल हल्दी और नमक है।
उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान के साथ लगती नियंत्रण रेखा समेत ड्यूटी पर तैनात जवानों को यह भोजन दिया जाता है और वे अक्सर खाली पेट सोने चले जाते हैं।
( Source – PTI )