अदालत का फैसला आते ही पंचकूला में देखने को मिला तबाही का मंजर,28 की मौत

अदालत का फैसला आते ही पंचकूला में देखने को मिला तबाही का मंजर,28 की मौत
अदालत का फैसला आते ही पंचकूला में देखने को मिला तबाही का मंजर,28 की मौत

बलात्कार के मामले में विशेष सीबीआई अदालत द्वारा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को दोषी ठहराने के साथ ही हरियाणा का आम तौर पर शांत और सहज रहने वाले पंचकूला शहर सुलगने लगा और हर तरफ मौत और तबाही का मंजर देखने को मिला।

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के समर्थकों द्वारा की गई हिंसा और आगजनी ने चंडीगढ़ के बाहरी हिस्से में स्थित इस शहर में पिछले साल की खौफनाक यादें ताजा कर दीं जब आरक्षण के मुद्दे पर जाटों का हिंसक आंदोलन देखने को मिला था।

पिछले चार दिन में गुरमीत राम रहीम के हजारों अनुयायी यहां एकत्र हो गए थे। अदालत का फैसला आते ही राम रहीम के समर्थक हिंसक हो गये। उन्होंने पथराव किया, मीडिया के वाहनों में तोड़फोड़ की और दोपहिया वाहनों समेत कई वाहनों में आग लगा दी।

इस हिंसा में अब तक कम से 17 लोगों की मौत की खबर है। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

हिंसा की घटना के बाद लोग अपने—अपने घरों में सिमट गए क्योंकि हर तरफ मची तबाही ने लोगों की रूह कंपा दी। एक निजी कंपनी में काम करने वाले एक व्यक्ति ने कहा, ‘मेरी मोटरसाइकिल जला दी गई है। मैंने इसे पास की सड़क पर खड़ा किया था और किसी काम से पास में गया था।’ एंबुलेंस से घायलों को स्थानीय सरकारी अस्पताल पहुंचाया जा रहा है।

अभी यह स्पष्ट नहीं है कि लोग पुलिस की कार्रवाई में घायल हुए हैं या डेरा समर्थकों की हिंसा में ।

कम से कम एक व्यक्ति को सड़क के किनारे अचेत देखा गया। डेरा अनुयायियों ने कई जगह पुलिस और अर्द्धसैनिक बल कर्मियों के लिये मुश्किल हालात खड़े कर दिए। अनुयायियों में बहुत सी महिलाएं थीं।

सीबीआई अदालत के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को दोषी ठहराने के तुरंत बाद उनके कई अनुयायियों ने पुलिस बैरिकेड और सुरक्षा घेरा तोड़ दिया।

निजी टेलीविजन चैनलों के कम से कम तीन ओबी वैन को क्षति पहुंचाई गई। दो वैन को उग्र भीड़ ने उलट दिया।

सीबीआई के वकील एचपीएस वर्मा ने अदालत के बाहर संवाददाताओं को बताया कि सीबीआई न्यायाधीश जगदीप सिंह ने 50 वर्षीय डेरा प्रमुख को बलात्कार का दोषी ठहराते हुए कहा कि सजा 28 अगस्त को सुनाई जाएगी।

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने सीबीआई अदालत के फैसले के पहले राज्य में कानून व्यवस्था कायम रखने में अक्षमता के लिये हरियाणा सरकार की जमकर खिंचाई की थी। अदालत ने पंचकूला में बड़ी संख्या में डेरा अनुयायियों को जमा होने से रोकने के लिये सीआरपीसी की धारा 144 ठीक से नहीं लगाने के लिये राज्य सरकार की खिंचाई की थी।

( Source – PTI )

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