
जेएनयू की यौन शोषण विरोधी लैंगिक जागरूकता समिति (जीएससीएएसएच) की छात्र चुनाव समिति ने विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लागू किए गए प्रतिबंधों की अनदेखी करते हुए चार प्रतिनिधियों के निर्वाचन के लिए चुनाव कराया।
समिति के प्रमुख भगत सिंह सैनी के अनुसार सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे के बीच कुल 7,904 मतदाताओं में से 2,366 मतदाताओं (या 29.93 प्रतिशत) ने वोट डाले।
जेएनयू के मुख्य प्रॉक्टर और रजिस्ट्रार ने सैनी और अन्य को भंग समिति का चुनाव कराने पर कार्रवाई का सामना करने की धमकी दी थी।
रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने एक पत्र में लिखा था, ‘‘जेएनयू में गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल सभी लोगों के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी।’’ जीएससीएएसएच की जगह लेने वाली नवगठित आतंरिक शिकायत समिति के तीन छात्र प्रतिनिधियों के चयन के लिए चुनाव निर्धारित करने वाले प्रशासन ने दूसरे छात्रों के नामांकन दायर ना करने के बाद तीनों उम्मीदवारों को ‘‘निर्विरोध निर्वाचित’’ घोषित कर दिया था।
छात्रों एवं शिक्षकों के एक वर्ग ने प्रशासन के जीएससीएएसएच की जगह नयी समिति के गठन के फैसले को चुनौती दी थी।
इसके बाद अदालत ने प्रशासन को जीएससीएएसएच कार्यालय की सीलिंग को लेकर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था और याचिका पर जवाब मांगा था।
( Source – PTI )