अभी कुछ दिन पूर्व, उत्तर प्रदेश के शामली जिले के जलालाबाद से 4 संदिग्धों को पकड़ा गया है। बताया जा रहा है कि ये सभी नागरिक म्यांमार के रहने वाले हैं और यहां अवैध रूप से रह रहे थे। आरोप है कि इन्हें यहां के एक मदरसे ने ठिकाना दे रखा था। इसी आरोप में मदरसे के तीन शिक्षकों को भी हिरासत में लिया गया है। 
गिरफ्तार किए गए चारों विदेशी नागरिक म्यांमार के रहने वाले हैं और इनके पास से संदिग्ध वीजा और पासपोर्ट मिले हैं। पुलिस की मानें तो ये सभी विदेशी नागरिक कई साल से शामली के मदरसों में पढ़ा रहे थे। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। 
प्रश्न यह होता है कि ये चारों संदिग्ध किसके संरक्षण एवं इशारे पर आए? इनके अलावा और कितने लोग उत्तर प्रदेश या भारत के अन्य भागों में फैले हुए हैं और किस मंशा से भारत में आए हैं?
शामली पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने बताया कि बिना वैध वीजा के चार लोग देश में रह रहे थे और उन्होंने पासपोर्ट और आधार कार्ड जैसे फर्जी भारतीय पहचान दस्तावेज हासिल कर लिए थे। उन्होंने कहा कि चार विदेशी रिजवान, नौमान, फुरकान और अब्दुल माजिद पिछले दो सालों से देश में अवैध तरीके से रह रहे थे और खुफिया सूचना के आधार पर सोमवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।  
शामली पुलिस प्रमुख ने बताया कि मदरसे के तीन शिक्षक कारी अशरफ हुसैन, हनीफुल्ला और वसीफ को चार लोगों को अवैध तरीके से आश्रय देने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि सात लोगों पर ‘द फॉरेनर्स एक्ट’ और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 

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