
पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी में लाने की मांग के जन मानस में जोर पकड़ने के बीच केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज कहा कि इन वस्तुओं को नयी कर प्रणाली के दायरे में लाने के लिये राज्यों के साथ सहमति बनाने के प्रयास जारी हैं।
प्रधान ने इंदौर के पास दूधिया गाँव में एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद संवाददाताओं से कहा कि केंद्र सरकार राज्यों के साथ वार्ता के जरिये इस विषय में सहमति बनाने की दिशा में रूचि रखती है कि पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाया जाये।
उन्होंने कहा, “पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाये जाने के बारे में वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई वाली जीएसटी परिषद राज्यों से राय-मशविरे के बाद फैसला करेगी।” प्रधान ने कहा, “मैंने पेट्रोलियम मंत्री होने के नाते बार-बार राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाये जाने से आम लोगों को सहूलियत होगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी अक्सर इस विषय में संकेत दिया है।” उन्होंने कहा, “हम इस विषय में लोकतांत्रिक तरीके से राज्यों के साथ सहमति बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हम राज्यों पर अपना फैसला थोप नहीं सकते।” गौरतलब है कि फिलहाल पेट्रोलियम पदार्थों के जीएसटी के दायरे में नहीं होने से राज्य सरकारें अलग-अलग दरों से पेट्रोल-डीजल पर मूल्य संवर्धित कर (वैट) और अन्य कर वसूलती है। इससे देश में इन ईंधनों के खुदरा दाम में भारी असमानता है।
( Source – PTI )