संगीत सम्राट तानसेन की स्मृति में पिछले नौ दशकों से आयोजित होते आ रहे तानसेन संगीत समारोह का आयोजन इस साल यहां 16 दिसंबर से 20 दिसंबर तक किया जाएगा।
समारोह का आयोजन हर साल उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत कला अकादमी और मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद :भोपाल: करते हैं।
एक विज्ञप्ति के अनुसार, भारत में आयोजित होने वाले सबसे पुराने संगीत महोत्सवों में शामिल पांच दिवसीय तानसेन समारोह का शुभारंभ 16 दिसंबर को सुबह ढोलीबुबा महाराज की हरिकथा और शरीफ मौलाना साहिब के मिलाद के साथ होगा।
मध्य प्रदेश के संस्कृति विभाग के इस प्रतिष्ठित सांस्कृतिक आयोजन में देश-विदेश के संगीतज्ञ और कलाकार ग्वालियर में तानसेन समाधि के पास और महान संगीतज्ञ की साधना स्थली गांव बेहट में विभिन्न प्रस्तुतियों के माध्यम से उनकी संगीत साधना को याद करेंगे।
यह इस महोत्सव का 92वां साल है और पिछले नौ दशक से यह संगीत यात्रा जारी है।
पिछले साल समारोह ने अपनी सांगीतिक पंरपरा का निर्वाह करते हुए शताब्दी दशक में प्रवेश कर नयी उंचाइयों को छुआ था।
विज्ञप्ति के अनुसार, गत वर्ष की भांति ही इस वर्ष भी समारोह में विश्व संगीत की प्रस्तुतियों के लिए नार्वे, इराक, इस्राइल, बेल्जियम और स्विट्रलैंड के स्थापित कलाकारों को आमंत्रित किया गया है।
इससे पहले 15 दिसंबर को जनसाधारण के लिए पूर्वरंग नामक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
इस वर्ष मंच की पृष्ठभूमि के लिए ग्वालियर के विजयात सहस्रबाहु :सास-बहू: मंदिर को चुना गया है।
पिछले वषोर्ं की तरह तानसेन समारोह की एक सभा का आयोजन ग्वालियर से 40 किलोमीटर दूर तानसेन की साधना स्थली ग्राम बेहट में किया जाएगा।
( Source – PTI )