मशहूर पहलवान योगेश्वर दत्त रियो ओलंपिक खेलों की कुश्ती प्रतियोगिता के पहले दौर में हार गये और रेपेचेज की संभावना भी समाप्त होने के कारण उन्हें अब अपने आखिरी ओलंपिक से खाली हाथ ही लौटना पड़ेगा। लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता योगेश्वर से काफी उम्मीदें थी और उन्हें पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन मंगोलिया के गैंजोरिगिना मंदाखरान के खिलाफ क्वालिफिकेशन दौर के मुकाबले में उन्होंने बेहद लचर खेल दिखाया और 0-3 से हार गये। इसके बाद योगेश्वर की निगाहें रेपेचेज पर टिकी थी। लंदन ओलंपिक में वह रेपेचेज के दम पर ही कांस्य पदक जीतने में सफल रहे। मंदाखरान क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने में सफल रहा लेकिन वहां उन्हें ताशकंद विश्व चैंपियनशिप 2014 के स्वर्ण पदक विजेता रूसी पहलवान सोसलान लुडविकोविच रामोनोव से 0-6 से हार झेलनी पड़ी। इससे भारतीय पहलवान की उम्मीदें भी समाप्त हो गयी। इस तरह से सात सदस्यीय भारतीय कुश्ती टीम ने केवल एक पदक के साथ अपने अभियान का अंत किया। महिलाओं के 58 किग्रा भार में साक्षी मलिक ने कांस्य पदक जीता। टीम में पहले आठ पहलवान शामिल थे लेकिन नरसिंह पंचम यादव पर खेल पंचाट ने प्रतिबंध लगा दिया था जिससे उन्हें बाहर होना पड़ा। योगेश्वर अपने चौथे और आखिरी ओलंपिक में भाग ले रहे थे लेकिन वह मंगोलियाई पहलवान के खिलाफ आक्रामक तेवर दिखाने में नाकाम रहे। मंदाखरान 2010 के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता और विश्व चैंपियनशिप में दो बार के कांस्य पदक विजेता हैं।
( Source – पीटीआई-भाषा )