उच्चतम न्यायालय एयरसेल मैक्सिस 2जी स्पेक्ट्रम मामले में स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंक समूह का पक्ष सुनने संबंधी याचिका पर सुनवाई के लिए आज सहमत हो गया। इस याचिका पर 3 फरवरी को सुनवाई होगी।
बैंकों का कहना है कि उन्होंने सौदे में शामिल कंपनियों को कर्ज दिया है।
बैंक समूह की ओर से पेश हुये अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी न यह कहते हुए मामले में तुरंत सुनवाई की अपील की कि सार्वजनिक क्षेत्र के इन वित्तीय संस्थानों ने एयरसेल को कर्ज दिया है। उनकी अपील पर उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जे एस खेहर की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि वह याचिका पर इस मामले की सुनवाई के लिये तय तिथि को ही सुनवाई करेगी।
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने 6 जनवरी को मामले में कड़ा रख अपनाते हुए मलेशिया की कंपनी मैक्सिस के 2जी लाइसेंस के हस्तांतरण पर रोक लगा दी थी। यह लाइसेंस मूल रूप से एयरसेल को आवंटित किया गया है।
न्यायालय ने मलेशियाई कारोबारी एंव मैक्सिस समूह के मालिक टी आनंद कृष्णन तथा कंपनी के एक अधिकारी राल्फ मार्शल को 3 फरवरी को उसके समक्ष पेश होने को कहा है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि ऐसा नहीं होने पर एयरसेल को दिया गया 2जी लाइसेंस जब्त कर लिया जायेगा।
अटॉर्नी जनरल ने पीठ को बताया कि दूरसंचार कंपनियों में बैंकों का काफी पैसा लगा हुआ है इसलिए वह इस मामले में प्रभावित पक्ष है।
इससे पहले सुनवाई में न्यायालय ने इस बात को गंभीरता से लिया था कि कंपनी यहां की न्यायिक प्रक्रिया को नजरअंदाज कर रही है।
पीठ ने कहा था, ‘‘हम एैसे व्यक्ति को हरगिज बर्दाश्त नहीं कर सकते जो भारत के स्पेक्ट्रम जैसे संसाधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन न्यायालय के नोटिस का सम्मान नहीं कर रहें। उन्होंने कहा कि आनंद कृष्णन कानून से नहीं बच सकते हैं।’’
( Source – PTI )