
उच्चतम न्यायालय ने अरणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच का गौहाटी उच्च न्यायालय का आदेश आज निरस्त कर दिया और इस मामले में दायर जनहित याचिका पर नए सिरे से सुनवाई का आदेश दिया।
प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर और न्यायमूर्ति एन वी रमण की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय में पूर्व मुख्यमंत्री को अपना पक्ष रखने के लिये पर्याप्त मौका नहीं मिला।
शीर्ष अदालत ने याचिका का निपटारा करते कहा कि उच्च न्यायालय उस जनहित याचिका पर नए सिरे से सुनवाई करेगा, जिस पर आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश दिया गया था।
हालांकि न्यायालय ने यह स्पष्ट कर दिया सीबीआई द्वारा अब तक दर्ज की गई प्राथमिकियां बरकरार रहेंगी।
इससे पहले शीर्ष अदालत ने वर्ष 2006 में लोकनिर्माण विकास मंत्री के रूप में 2006 के उनके कार्यकाल के दौरान हुये भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच के उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी।
तुकी पर आरोप है कि उन्होंने लोकनिर्माण मंत्री रहने के दौरान कुछ ठेके अपने संबंधियों को दिलवाने के लिए अरूणाचल प्रदेश की सरकार पर अपने रसूख का इस्तेमाल किया।