![केन्द्र ने न्यायालय से कहा: जीएम सरसों की फसल के बारे में हम नीतिगत निर्णय लेंगे](https://www.pravakta.com/news/wp-content/uploads/sites/3/2017/03/xSupreme-Court-300x197.jpg.pagespeed.ic.Ul5G7Z3JWL.jpg)
केन्द्र ने आज उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि वह डेढ़ महीने के भीतर यह निर्णय ले लेगा कि क्या देश में आनुवांशिक संवर्धित (जीएम) सरसों की फसल के व्यावसायिक उपयोग की अनुमति दी जाये।
प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने अतिरिक्त सालिसिटर जनरल पी एस नरसिम्हा से कहा कि यदि सरकार जीएम सरसों के पक्ष में निर्णय लेती है तो न्यायालय इसके व्यावसायिक दोहन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा।
पीठ ने कहा कि चूंकि देश में सरसों की बुआई का सत्र अक्तूबर के महीने में शुरू होता है, इसलिए जीएम सरसों के व्यावसायिक उपयोग के बारे में लिया गया कोई भी निर्णय न्यायालय द्वारा इसकी विवेचना के बाद ही प्रभावी होगा। न्यायालय ने इसके साथ इस मामले की सुनवाई सितंबर के दूसरे सप्ताह के लिये स्थगित कर दी।
इससे पहले, पीठ ने केन्द्र सरकार को इस संबंध में यह बताने के लिये कहा था कि वह इस मामले में कब तक निर्णय ले लेगी।
शीर्ष अदालत ने पिछले साल 17 अक्तूबर को जीएम सरसों की फसल के व्यावसायिक उपयोग पर अगले आदेश तक के लिये रोक लगा दी थी।
जीएम सरसों के प्रकरण को लेकर अरुणा रोड्रिग्स ने न्यायालय में याचिका दायर कर रखी है। उनके वकील प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया था कि सरकार विभिन्न खेतों में सरसों के बीजों की बुआई कर रही है लेकिन उसने अभी तक इसके जैवीय सुरक्षा संबंधी बिन्दुओं को अपनी वेबसाइट पर नहीं डाला है।
( Source – PTI )