उच्चतम न्यायालय ने कावेरी जल वितरण पर विवाद के मद्देनजर केंद्र, तमिलनाडु एवं कर्नाटक को दोनों राज्यों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश देने की मांग संबंधी याचिका पर कल सुनवाई करने को आज मंजूरी दे दी।
प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर एवं न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की पीठ ने कहा, ‘‘इस मामले की सुनवाई कर रही पीठ के सामने कल यह मामला सूचीबद्ध किया जाए।’’ पी शिवकुमार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अदिश अग्रवाल ने जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए कहा कि कर्नाटक में कल राज्य व्यापी बंद होगा और एक दिन बाद, तमिलनाडु में इसी प्रकार का विरोध प्रदर्शन होगा।
उन्होंने कहा कि राज्यों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने, निजी एवं सार्वजनिक संपत्तियों और दोनों राज्यों के नागरिकों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए प्रदर्शनकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाए।
सामाजिक कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले शिवकुमार ने मांग की है कि प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे लोगों को संपत्तियों को हुए नुकसान के लिए जवाबदेह बनाने का निर्देश दिया जाए और उनसे इनके लिए भुगतान करने को कहा जाए।
उच्चतम न्यायालय ने कावेरी जल के बंटवारे पर अपने पूर्ववर्ती आदेश में 12 सितंबर को संशोधन किया था और कर्नाटक को आदेश दिया था कि वह तमिलनाडु के लिए प्रति दिन 15000 क्यूसेक के बजाए 20 सितंबर तक 12,000 क्यूसेक जल छोड़े।
न्यायालय ने कर्नाटक सरकार का वह अनुरोध खारिज कर दिया था जिसमें उसने उसके पूर्ववर्ती आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी। न्यायालय ने प्राधिकारियों से उसका अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कहा था।
उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक की ताजा याचिका के ‘लबो लहजे’ पर नाराजगी जतायी थी। कर्नाटक ने तमिलनाडु के लिए 15,000 क्यूसेक जल छोड़ने संबंधी पांच सितंबर के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी।
( Source – पीटीआई-भाषा )