COP26 के संदर्भ में वैश्विक सुशासन के लिये नयी ऑपरेटिंग प्रणाली होगी कल से जारी 
वैश्विक सुशासन के लिये ग्लोबल सिटीजंस असेम्बली नाम से एक नयी ऑपरेटिंग प्रणाली का लोकार्पण कल किया जायेगा।

कल से शुरू हो रही ग्‍लोबल असेम्‍बली का उद्देश्‍य धरती पर रहने वाले हर व्‍यक्ति को वैश्विक सुशासन में हिस्‍सा लेने के लिये एक व्‍यावहारिक रास्‍ता उपलब्‍ध कराना है। ग्‍लोबल असेम्‍बली के सदस्‍य सीओपी26 जलवायु सम्‍मेलन में नीति निर्धारकों के सामने अपने विचार प्रस्‍तुत करेंगे।

सिटिजंस असेम्‍बली जीवन के विभिन्‍न क्षेत्रों से जुड़े लोगों का जनसांख्यिकीय प्रतिनिधि समूह है, जिनका चयन लॉटरी के जरिये होता है। वे एक सुनिश्चित विषय पर समझ बढ़ाने और उस पर काम करने की योजना पर विचार-विमर्श करने के लिये एकजुट होते हैं और सरकारों तथा नेतृत्‍वकर्ताओं को सुझाव देते हैं।

2021 ग्‍लोबल असेम्‍बली जलवायु एवं पारिस्थितिकी सम्‍बन्‍धी संकट से सरोकार रखने वाले दुनिया भर के चयनित नागरिकों की एक सभा है। इसकी कोर असेम्‍बली में 100 सदस्‍य होते हैं (ये लॉटरी के जरिये चुने जाते हैं और धरती की आबादी की एक तस्‍वीर का प्रतिनिधित्‍व करते हैं)। साथ ही कम्‍युनिटी असेम्‍बलियां भी होती हैं जिन्‍हें कोई भी व्‍यक्ति ग्‍लोबल असेम्‍बली के चरण-दर-चरण टूलकिट का इस्‍तेमाल करके कहीं से भी संचालित कर सकता है।

नवम्‍बर 2021 में ब्रिटेन के ग्‍लासगो में संयुक्‍त राष्‍ट्र की जलवायु सम्‍बन्‍धी बैठक सीओपी26 के आयोजन के समय ही कोर और कम्‍युनिटी असेम्‍बि‍लयां जलवायु तथा पारिस्थितिकी सम्‍बन्‍धी संकट का आकलन एवं उस पर विचार-विमर्श करेंगी। कोर असेम्‍बलियां सीओपी26 में अपने मुख्‍य संदेशों को पेश करेंगी और कोर तथा कम्‍युनि‍टी असेम्‍बलियों की प्रति‍क्रियाओं को एक रिपोर्ट के तौर पर संकलित किया जाएगा जिसे मार्च 2022 में विश्‍व नेताओं के समक्ष रखा जाएगा।

COP26 के अध्यक्ष, अलोक शर्मा, कहते हैं, “ग्‍लोबल असेम्‍बली एक बेहतरीन पहल है और इसे ग्रीन जोन (सीओपी26 प्रस्‍तुतीकरण पक्ष) में प्रतिनिधित्‍व के लिये चुना गया है, क्‍योंकि हम यह समझते हैं कि इसका काम कितना महत्‍वपूर्ण है और इसलिये भी क्‍योंकि हम दुनिया के नागरिकों की आवाज को सीओपी26 के दिल में उतारने के लिये संकल्‍पबद्ध हैं…..यह स्‍थानीय विचार-विमर्श और एक वैश्विक सम्‍मेलन के बीच महत्‍वपूर्ण सम्‍बन्‍ध तैयार करता है।” 

आगे, स्‍कॉटलैंड के फर्स्‍ट मिनिस्‍टर और स्‍कॉटिश नेशनल पार्टी के नेता निकोला स्‍टर्जन, का मानना है कि,

“ग्‍लोबल क्‍लाइमेट असेम्‍बली की मदद के लिये वित्‍तपोषण किया जा रहा है। यह एक ऐसी पहल है जिसमें दुनिया के उत्‍तरी और दक्षिणी हिस्‍सों के 100 प्रतिभागी एक-दूसरे से सीखने के लिये एक साथ एकत्र होंगे और अपनी सिफारिशें देंगे, जिन पर सीओपी26 में विचार-विमर्श किया जाएगा।” 

COP के लिये यूएन हाई लेवल क्‍लाइमेट एक्‍शन चैम्पियन नाइजेल टॉपिंग , कहते हैं, “सीओपी26 के लिये ग्‍लोबल सिटिजंस असेम्‍बली अपनी तरह की अब तक की सबसे बड़ी प्रक्रिया होगी। यह न सिर्फ दुनिया भर के लोगों के बीच, बल्कि नागरिकों और नेतृत्‍वकर्ताओं के बीच भी एक नया रिश्‍ता बनाएगी।” 

भारत में ग्‍लोबल असेम्‍बली कम्‍युनिटी कोऑर्डिनेटर संस्‍कृति मेनन का कहना है,  “ग्‍लोबल असेम्‍बली इसलिये महत्‍वपूर्ण है क्‍योंकि यह समावेशी है और इसके केन्‍द्र में मानवीय मूल्‍यों पर आधारित विचार-विमर्श को स्‍थान दिया गया है।”

वैश्विक सुशासन के लिये एक नया ऑपरेटिंग सिस्‍टम

ग्‍लोबल असेम्‍बली में एक डिजिटल ढांचा है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि यह वैश्विक आबादी की जनसांख्यिकीय प्रोफाइल का सटीक अक्‍स पेश करे। साथ ही साथ किसी को भी, कहीं से भी सहभागिता करने का अवसर मिले। यह दो मुख्‍य रास्‍तों के जरिये ऐसा करता है :

1. कोर असेम्‍बली सदस्‍यों के चयन के लिये वैश्विक लॉटरी:

ग्लोबल असेम्बली के सदस्यों का चयन कई चरणों वाली लॉटरी प्रक्रिया के जरिए होता है। एक एल्गोरिदम के जरिए लोकेशन पॉइंट्स को चुना जाता है जिसमें जनसंख्या घनत्व और भौगोलिक वितरण को आधार बनाया जाता है। इन लोकेशंस में संभावित प्रतिभागियों के दलों को नियोजित किया जाता है, जिनमें से छंटनी करके कोर असेम्बली के सदस्यों का चयन होता है। इस प्रक्रिया के जरिए यह सुनिश्चित किया जाता है कि कोर असेम्बली में वैश्विक आबादी को जहां तक संभव हो सके सर्वश्रेष्ठ जनसांख्यिकीय प्रोफाइल नजर आए। इनमें 60% प्रतिभागी एशिया के होंगे। वहीं, अफ्रीका का प्रतिनिधित्व 17% का होगा। इनमें 50% प्रतिनिधित्व महिलाओं का होगा और 70% ऐसे लोग होंगे जो रोजाना 10 डॉलर या उससे कम कमाते हैं। 

कम्युनिटी असेंबली के जरिए कोई भी व्यक्ति हिस्सा ले सकता है

कोई भी व्यक्ति, कहीं से भी अपनी कम्युनिटी असेंबली संचालित कर सकता है। इसका मतलब यह है कि दुनिया भर के हजारों लोग कोर असेम्बली सदस्यों के तौर पर सीखने की एक ही यात्रा पर निकल सकते हैं और विश्व नेताओं तक अपनी आवाज पहुंचा सकते हैं। 

ग्लोबल गवर्नेंस प्रक्रिया में रोजाना भाग ले सकते हैं नागरिक

कोर असेंबली इस सवाल पर गौर करेगी कि मानवता किस तरह से जलवायु तथा पारिस्थितिकी संकट को जायज और प्रभावशाली रास्ते के जरिए सुलझा सकती है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *