अरूणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कालिखो पुल की कथित आत्महत्या की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली एक ताजा जनहित याचिका पर त्वरित सुनवाई से उच्चतम न्यायालय ने आज इनकार कर दिया ।
प्रधान न्यायाधीश जे एस खेहर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एस के कौल ने कहा, ‘‘माफ कीजिएगा, यह याचिका खारिज की जाती है।’’ निजी तौर पर जनहित याचिका दायर करने वाले वकील एम एल शर्मा ने इस याचिका को त्वरित तौर पर अधिसूचित करने का अनुरोध करते हुए कहा था कि देश की सर्वोच्च न्यायापालिका का अपमान करने की एक ‘आपराधिक साजिश’ चल रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘पुल के कथित सुसाइड नोट और मौत की एक स्वतंत्र जांच होनी चाहिए।’’ इस याचिका में उन वकीलों की भूमिका की भी जांच की मांग की गई, जो पुल की पत्नी दांग्विमसाई पुल की बात का समर्थन कर रहे हैं।
बीती 23 फरवरी को पुल की पत्नी ने अपने पति के कथित सुसाइड नोट में कुछ पूर्व और मौजूदा नेताओं एवं संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की सीबीआई या एनआईए जांच के लिए दायर अपना पत्र वापस ले लिया था।
पुल ने पिछले साल नौ अगस्त को आत्महत्या कर ली थी। उनका शव ईटानगर में मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास में लटका हुआ पाया गया था।
तेज राजनीतिक बदलावों के बीच पुल ने 19 फरवरी 2016 में एक संक्षिप्त अवधि के लिए अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद संभाला था लेकिन जुलाई में उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद उन्होंने यह पद छोड़ दिया था।
( Source – PTI )