
गोवा खान एवं भूगर्भ विभाग ने खान मालिकों से कहा है कि उच्चतम न्यायालय का आदेश आए बगैर राज्य भर में पट्टे वाले इलाके और उसके इतर भी बिखरे पड़े लौह अयस्क के ढेर का उपयोग नहीं किया जा सकता है।
विभाग के निदेशक प्रसन्ना आचार्य ने पिछले सप्ताह जारी एक सार्वजनिक नोटिस में कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित छह सदस्यीय समिति द्वारा अभी इसका फैसला करना बाकी है कि लौह-अयस्क के ढेर का क्या किया जाए।
आचार्य ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय जब तक अंतिम फैसला नहीं कर लेता लौह अयस्क के ढेर को नहीं छुआ जा सकता।’’ उन्होंने कहा कि यह सूचना लौह अयस्क के ढेर को अपना बताकर खनन कंपनियों या निर्यातकों को बेचने का आश्वासन देकर धन इकट्ठा करने के संबंध में मिली शिकायतों के मद्देनजर जारी की गई।
उन्होंने स्पष्ट किया कि लौह अयस्क के ढेर पर मालिकाना हक हमेशा सरकार का है।
( Source – पीटीआई-भाषा )