नई दिल्ली:पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आरएसएस के कार्यक्रम में बतौर मुख्‍य अतिथि संबोधन को लेकर मचे राजनैतिक घमासान के बीच नई जानकारी सामने आई है जानकारी के मुताबिक देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू भी संघ से प्रभावित थे।आरएसएस नेशनल मीडिया टीम के सदस्य रत्न शारदा ने बताया कि नेहरू ने 1963 में आरएसएस के 3000 कार्यकर्ताओं को गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। शारदा ने कहा है कि नेहरू संघ के सामाजिक कार्यों से काफी प्रभावित थे। रत्न शारदा ने कहा कि 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध में संघ कार्यकर्ताओं ने बॉर्डर पर काफी काम किया था और नेहरू इससे बहुत प्रभावित थे।1963 के गणतंत्र दिवस परेड कार्यक्रम में उन्होंने संघ कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया था। कई और एनजीओ और सामाजिक संस्थाओं को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन ज्यादातर लोग 1962 युद्ध में चीन को लेकर नेहरू के फैसले से नाराज थे और उन्होंने परेड में जाने से इनकार कर दिया।शारदा कहते हैं कि आरएसएस ने गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लिया था। जबकि हमें सिर्फ कुछ हफ्ते पहले ही नोटिस जारी किया गया था। शारदा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी ऐसे ही एक कार्यक्रम में हिस्सा ले चुकी हैं। 1977 में संघ के वरिष्ठ नेता एकनाथ रानाडे के आमंत्रण पर उन्होंने विवेकानंद रॉक मेमोरियल का उद्घाटन किया था।प्रणव मुखर्जी द्वारा आरएसएस हेडक्वॉर्टर नागपुर में हिस्सा लेने को लेकर हो रही आलोचना पर शारदा ने कहा कि प्रणव मुखर्जी को बेवजह निशाना बनाया जा रहा है। बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति और कभी कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे प्रणव मुखर्जी नागपुर में 25 दिनों की कार्यशाला के समापन मौके पर हिस्सा लेंगे।,इस कार्यक्रम में वह संघ कार्यकर्ताओं को संबोधित भी करेंगे। हालांकि, मुखर्जी के इस कदम पर कांग्रेस के कुछ नेता तीखी प्रतिक्रिया दे चुके हैं। पार्टी की तरफ से अभी तक इस मामले में कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। राहुल गांधी जरूर संघ और आरएसएस की कार्यप्रणाली को लेकर तीखी प्रतिक्रिया देते रहे हैं।

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