
मध्यप्रदेश में चल रहे किसान आंदोलन के दसवें दिन आज प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यहां दशहरा मैदान में ‘शांति बहाली के लिये’ अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठ गये।
विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे ‘नौटंकी’ बताया।
कृषि उत्पादों की बेहतर कीमत और रिण माफ करने की अन्य मांगों को लेकर प्रदेश में एक जून से किए जा रहे किसान आंदोलन का आज दसवां दिन है। किसानों ने आंदोलन के शुरू में ही इसे दस दिन तक चलाने की घोषणा की थी।
कुर्ता पायजामा और नेहरू जैकेट पहने शिवराज को भेल के दहशरा मैदान में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी ने तिलक लगाया और इसके बाद चौहान यहां उपवास पर बैठ गये। चौहान के साथ उनकी पत्नी साधना सिंह भी यहां उपस्थित थीं।
यहां पंडाल में मुख्यमंत्री चौहान के पहुंचते ही उनके समर्थकों ने ‘किसान का सम्मान, शिवराज चौहान, जय जवान, जय किसान, और भारत माता की जय’ के नारे लगाये।
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के मिश्रा ने ‘भाषा’ से कहा, ‘‘चौहान को लोगों को यह बताना चाहिये कि उनका यह कथित उपवास नौटंकी है, इवेंट है या अपनी गलतियों से प्रदेश को आग में झोंकने के लिये प्रायश्चित है।’’ उन्होंने कहा कि वह गांधीगीरी का संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ऐसा है नहीं। यह नौटंकी करने से पहले वह न तो गांधी की प्रतिमा के पास बैठे और न ही महात्मा गांधी की प्रतिमा को फूलमाला पहनाई।
मिश्रा ने सवाल किया कि आखिरकार किसके विरोध में वह दशहरा मैदान में उपवास पर बैठे हैं। उन्हें :चौहान: यह याद रखना चाहिये कि दशहरा मैदान में प्रतिवर्ष रावण का पुतला दहन किया जाता है।
( Source – PTI )