मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नर्मदा नदी के प्रवाह को प्रबल बनाने और इसे प्रदूषण मुक्त करने के लिये नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक के आसपास के क्षेत्र में खनन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जायेगा। इसके लिये भारत सरकार को पत्र भी लिखा जायेगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने 144 दिवसीय नर्मदा सेवा यात्रा के दूसरे दिन डिण्डोरी जिले के करंजिया में कल शाम एक विशाल आमसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मां नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक के आसपास के क्षेत्र में खनन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जायेगा। इसके लिये भारत शासन को पत्र भी लिखा जायेगा। इससे नर्मदा नदी प्रदूषणमुक्त हो सकेगी और प्रवाह प्रबल होगा।’’ करंजिया निवासी यासीन खान ने यात्रा में शामिल लोगों के लिये भंडारा आयोजित कर सद्भाव की अद्भुत मिसाल प्रस्तुत की।
मुख्यमंत्री कल नमामि देवी नर्मदे-सेवा यात्रा में अरंडी आश्रम से रवाना होकर करंजिया पहुंचे। करंजिया में उन्होंने कहा कि इंसान ने अपने स्वार्थ के कारण जंगल काट डाले और धरती मां का सीना चीरकर तमाम खनिज निकाले और उसमें गंदा पानी छोड़कर उसे प्रदूषित किया।
उन्होंने कहा कि मां नर्मदा मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी है, जिसने हमें सिंचाई के लिये पानी और बिजली की सौगात दी है। इसलिये हम सबका परम कर्तव्य बनता है कि हम मां नर्मदा को स्वच्छ और उसके प्रवाह को प्रबल करने के लिये भरपूर सहयोग करें। यह यात्रा इन्हीं उद्देश्यों की पूर्ति के लिये निकाली गई है।
उन्होंने कहा कि मां नर्मदा नदी के प्रवाह को प्रबल बनाने के लिये जंगलों की खाली जमीन में सघन वृक्षारोपण किया जायेगा। साथ ही दोनों तटों के किसानों की जमीन पर पौधे लगाने के लिये किसानों को 20 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर तीन वर्ष तक अनुदान और वृक्षारोपण की लागत में 40 प्रतिशत की सहायता दी जायेगी।
( Source – PTI )