उच्चतम न्यायालय में आज उस बम को बनाने के पीछे की साजिश के पहलू की जांच से जुड़े मामले में सुनवाई टाल दी गयी जिसमें हुए विस्फोट में 26 साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी मारे गए थे।
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ के सामने सूचीबद्ध मामला दोपहर के भोजन से पहले के सत्र में सुनवाई के लिए पेश हुआ लेकिन याचिकाकर्ता के वकील ने अनुरोध किया कि इसपर दिन में बाद में सुनवाई की जाए।
लेकिन मामले में दोपहर के भोजन के बाद के सत्र में सुनवाई नहीं की जा सकी क्योंकि पीठ दूसरे नियमित मामलों में सुनवाई कर रही थी।
इससे पहले केंद्र ने बेल्ट बम बनाने के पीछे की साजिश के पहलू को लेकर की जा रही जांच से जुड़ी रिपोर्ट एक सीलबंद लिफाफे में दायर की थी।
21 मई, 1991 की रात को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक महिला आत्मघाती हमलावर धानू ने एक चुनाव रैली में राजीव गांधी की हत्या कर दी थी। विस्फोट में धानू सहित 14 और लोग मारे गए थे।
उच्चतम न्यायालय ने गत 17 अगस्त को केंद्र एवं सीबीआई को आदेश दिया था कि वह उसे बम बनाने के पीछे की साजिश के पहलू को लेकर जारी जांच की जानकारी दे। न्यायालय ने याचिकाकर्ता ए जी पेरारीवलन के दावे के बाद यह आदेश दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि इस पहलू की सही से जांच नहीं की जा रही है।
याचिकाकर्ता ने न्यायालय से कहा था कि पेरारीवलन को धानू द्वारा पहने गए बेल्ट बम के लिए बैट्रियों की आपूर्ति करने का दोषी करार दिया गया है।
18 फरवरी, 2014 को उच्चतम न्यायालय ने पेरारीवलन को मामले में दी गयी मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था।
( Source – PTI )