उच्चतम न्यायालय ने आज भाजपा नेता सुब्रमणियन स्वामी से कहा कि जेट एयरवेज और अबूधाबी की एतिहाद एयरवेज के बीच हुआ सौदा निरस्त करने के लिये संशोधित याचिका दायर करें। स्वामी ने इस याचिका में उड़ानों की संख्या बढाने के लिये भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच हुये द्विपक्षीय समझौते को भी चुनौती दी है।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति पी सी पंत और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड की तीन सदस्यीय खंडपीठ को केन्द्र की ओर से अतिरिक्त् सालिसीटर जनरल पी एस नरसिम्हा ने सूचित किया कि स्वामी को स्पष्ट रूप से भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच उड़ानों की संख्या बढाने के लिये दोनों देशों के बीच हुये समझौते को चुनौती देनी होगी।
स्वामी ने पीठ से कहा कि वह पहले ही इस मामले में संशोधित याचिका दायर कर चुके हैं।
पीठ ने कहा, ‘‘आपको (स्वामी) को संशोधन के लिये एक आवेदन दायर करना होगा जो इस न्यायालय को पहले अनुमति देनी होगी। आपको इसे स्पष्ट रूप से चुनौती देने के लिये अर्जी दायर करनी होगी।’’ स्वामी ने इस पर न्यायालय से संशोधित याचिका दायर करने के लिये चार सप्ताह का समय देने का अनुरोध किया जिसे पीठ ने स्वीकार कर लिया।
न्यायालय ने पिछले साल मार्च में स्वामी से कहा था कि इस मामले में दूसरी विमान सेवाओं को भी पक्षकार बनायें क्योंकि यदि न्यायालय जेट-एतिहाद सौदे के पक्ष या इसके खिलाफ फैसला सुनाता है तो इससे वे भी प्रभावित हो सकती हैं।
स्वामी ने इससे पहले भारत और संयुक्त अरब अमीरात की सरकारों के बीच वर्तमान विमान सेवाओं के समझौते के तहत अबू धाबी के पक्ष में समझौता करने के सरकार के निर्णय को चुनौती दी थी। उनका दावा था कि इस समझौते से एतिहाद को ही सबसे बडा हिस्सा मिलेगा और भारत की विमान कंपनी को नुकसान होगा।
उनका कहना था कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच सीटें साझा करने के समझौते से भारत के हितों पर प्रतिकूल असर पड रहा है।
स्वामी ने याचिका में इस सौदे को हरी झण्डी देने वाले सरकार के अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई जांच कराने का भी अनुरोध किया था।
( Source – PTI )