
उच्चतम न्यायालय ने कावेरी नदी जल बंटवारे को लेकर कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण के वर्ष 2007 के अवार्ड के खिलाफ कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल की याचिकाओं की स्वीकार्यता को आज बरकरार रखा।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि न्यायाधिकरण के अवार्ड के खिलाफ दक्षिणी राज्यों की सभी याचिकाएं सुनवाई के योग्य है, हालांकि केंद्र ने जोर देकर कहा था कि उच्चतम न्यायालय के पास न्यायाधिकरण के अवार्ड के खिलाफ याचिकाओं की सुनवाई करने का अधिकार नहीं है।
इस पीठ में न्यायमूर्ति अमिताभ राय एवं न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर भी शामिल हैं।
पीठ ने कहा, ‘‘हम सभी याचिकाओं को सुनवाई के लायक ठहराते है। अंतरिम आदेश जारी रहेगा। मामले की अगली सुनवाई के लिए 15 दिसंबर की तिथि तय की जाए।’’ न्यायालय ने 18 अक्तूबर को कर्नाटक को निर्देश दिया था कि वह अगला आदेश दिए जाने तक तमिलनाडु को 2000 क्यूसेक जल की आपूर्ति करता रहे।
पीठ ने यह भी कहा था कि वह न्यायाधिकरण के फैसले के खिलाफ कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल की याचिकाओं के सुनवाई योग्य होने के सवाल पर पहले विचार करेगी। पीठ ने कहा था कि इसके बाद ही कावेरी बेसिन क्षेत्र में जमीनी हकीकत के मूल्यांकन के लिए गठित निगरानी समिति की रिपोर्ट पर बहस सुनेगी।
( Source – PTI )