
उच्चतम न्यायालय ने पांच सौ और एक हजार के नोटों के विमुद्रीकरण करने संबंधी सरकार की अधिसूचना पर रोक लगाने से आज इंकार कर दिया लेकिन शीर्ष अदालत ने केन्द्र से कहा है कि इस निर्णय से जनता को हो रही असुविधा कम करने के लिये हो रहे उपायों की जानकारी दी जाये।
प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा, ‘‘हम इस पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगायेंगे।’’ पीठ ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब कुछ वकीलों ने सरकार की अधिसूचना पर रोक लगाने का अनुरोध किया।
एक याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि वह अधिसूचना पर रोक लगाने का अनुरोध नहीं कर रहे है। परंतु वह चाहते हैं कि सरकार आम जनता को हो रही असुविधाओं को दूर करने के बारे में स्थिति स्पष्ट करे।
पीठ ने अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी से कहा कि सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जनता को हो रही असुविधाओं को न्यूनतम करने के लिये अब तक किये गये उपायों और भविष्य में उठाये जाने वाले कदमों के बारे में हलफनामा दाखिल किया जाये।
न्यायालय ने केन्द्र और रिजर्व बैंक को नोटिस जारी किये बगैर ही इस मामले को 25 नवंबर को आगे सुनवाई के लिये सूचीबद्ध कर दिया।
( Source – PTI )