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‘दान’ में निदान : डायरी-21 Part-2

सनातन किष्किंधा मिशन की अर्थनीति को परिष्कृत करने में आदिलाबाद के गुरुजी रवीन्द्र शर्मा का बड़ा योगदान है। उनसे हमने समझा कि पारंपरिक भारतीय समाज में धन का हस्तांतरण कई रूपों में होता था जैसे- ‘दान’, ‘दक्षिणा’, ‘भिक्षा’, ‘तेगम (हिस्सा)’, ‘मान’, ‘मर्यादा’, ‘नोम’, ‘न्यौछावर’, ‘शगुन’, आदि। इन सब शब्दों के बहुत गहरे अर्थ हैं। उनसे […]

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हमारा किष्किंधा कनेक्शन : डायरी-21 Part-1

आज विजयदशमी के दिन आपको मैं अतीत में 14 वर्ष पीछे ले चलता हूं। यह बात वर्ष 2007 की है, तब मैं गोविन्दजी के साथ सुदूर दक्षिण किष्किंधा गया था। हम वहां बसवराज पाटिल जी, सेडम के बुलावे पर गए थे। उद्देश्य था कि पंपा सरोवर के पवित्र तट पर बैठकर आगे की दशा-दिशा तय […]