
बीसीसीआई के विद्रोही तेवरों के प्रति कड़ा रवैया अपनाते हुए उच्चतम न्यायालय ने आज उसके अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को उनके पदों से हटा दिया और कहा कि उन्हें तुरंत प्रभाव से बोर्ड का कामकाज करना बंद कर देना चाहिए। शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही ठाकुर के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने का भी फैसला किया। उनसे जवाब मांगा गया कि बीसीसीआई में सुधार लागू करने के अदालत के निर्देशों के क्रियान्वयन में बाधा पहुंचाने के लिये आखिर क्यों न उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि बीसीसीआई के कामकाज को प्रशासकों की एक समिति देखेगी और उसने वरिष्ठ अधिवक्ता फाली एस नरिमन और इस मामले में न्यायमित्र के रूप में सहायता कर रहे गोपाल सुब्रहमण्यम से प्रशासकों की समिति में ईमानदार व्यक्तियों को सदस्यों के रूप में नामित करने में अदालत की मदद करने का आग्रह किया।
( Source – PTI )