क्या एलन मस्क से सीधी टक्कर की तैयारी में है मुकेश अंबानी

                     रामस्वरूप रावतसरे

एआई के बाद भारत ने ह्यूमनॉइड के क्षेत्र में भी अपने पैर पसारने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस समर्थित रोबोटिक्स स्टार्ट-अप एडवर्ब ने ह्यूमनॉइड रोबोट बनाने की घोषणा की है इसे अलगे साल 2025 में लॉन्च किया जाएगा। इसका सीधा मुकाबला एलन मस्क की कंपनी टेस्ला, बोस्टन डायनेमिक्स और एजिलिटी रोबोटिक्स से होगा।

नोएडा स्थित रोबोटिक्स कंपनी ने कहा कि वह फैशन, खुदरा और ऊर्जा क्षेत्रों सहित उद्योगों में जटिल कार्य करने में सक्षम एआई-संचालित ह्यूमनॉइड विकसित करेगी। यह कदम वैश्विक ह्यूमनॉइड रोबोटिक्स दौड़ में भारत के प्रवेश का प्रतीक है। ह्यूमनॉइड रोबोटिक्स में टेस्ला, बोस्टन डायनेमिक्स और एजिलिटी रोबोटिक्स जैसी कंपनियों का वर्चस्व है। एडवर्ब रोबोटिक्स में रिलायंस ने साल 2021 में निवेश किया था। इसके बाद मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी के किराना, फैशन, पेट्रोकेमिकल्स और स्वास्थ्य सेवा सहित विविध व्यवसायों में कई उन्नत रोबोटिक को तैनात किया। कंपनी ने कहा कि ऐडवर्ब ह्यूमनॉइड विकसित करने और समूह के व्यवसायों में इसे बड़े पैमाने पर तैनात करने के लिए रिलायंस के साथ मिलकर काम करेगा।

  ऐडवर्ब ने पहले भारत का पहला चौगुना ‘ट्रैकर’ पेश किया था  जो एक एआई-संचालित रोबोट है। यह खुद नेविगेशन, मॉड्यूलर पेलोड और रखरखाव और विभिन्न इलाकों में चलने की क्षमता रखता है। ऐडवर्ब ने अपने स्टार्टअप की शुरुआत ऑटोमेशन प्रणाली और मोबाइल रोबोट विकसित करने के साथ शुरू की थी। अब ह्यूमनॉइन के क्षेत्र में बड़ा कदम बढ़ाने वाली है।

ऐडवर्ब के सह-संस्थापक और सीईओ संगीत कुमार के अनुसार ह्यूमनॉइड रोबोटिक्स में हमारा प्रवेश ‘3डी’ नौकरियों को खत्म करने की हमारी महत्वाकांक्षा से प्रेरित है जो सुस्त, गंदी और खतरनाक हैं। कंपनी रिलायंस के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी का लाभ उठाने की योजना बना रही है। कंपनी विकास प्रक्रिया में जीओ के एआई प्लेटफ़ॉर्म और 5जी सेवाओं को शामिल कर रही है।

ऐडवर्ब का यह ह्यूमनॉइड रोबोट एडवांस एआई होगा जो विजन, ऑडियो और स्पर्श इनपुट से बड़ी मात्रा में मल्टी-मॉडल डेटा को प्रोसेस करने में सक्षम होगा। डायनेमिक और सेल्फ लर्निंग एल्गोरिदम का लाभ उठाते हुए यह ह्यूमनॉइड जटिल वातावरण को नेविगेट करेगा, जटिल कार्य करेगा, रियल टाइम में निर्णय लेगा। यह गोदामों, रक्षा और स्वास्थ्य सेवा सहित विभिन्न उद्योगों में वर्कफ़्लो को अनुकूल बनाएगा। ह्यूमनॉइड रोबोट में अत्याधुनिक जीपीयू तकनीक, ऊर्जा-कुशल एक्चुएटर्स और दोनों हाथ द्वारा कार्य करने की क्षमताएँ होंगी। इससे वह विभिन्न इलाकों में नेविगेट करने और जटिल कार्य करने में सक्षम बनाएगी। इससे वह गतिशील वातावरण में खुद को संचालित करने के लिए विज़ुअल और लैंग्वेज एक्शन (वीएलए) तकनीक को शामिल करेगा।

 सीईओ संगीत कुमार के अनुसार ‘हमारा लक्ष्य न केवल एक विश्वस्तरीय ह्यूमनॉइड रोबोट बनाना है, बल्कि डाउनस्ट्रीम कंपनियों का एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है जैसा कि हमने भारत में वेयरहाउस ऑटोमेशन में हासिल किया है। यह पहल भारत में ह्यूमनॉइड रोबोट को बढ़ावा देगी और इस तकनीक को वैश्विक रूप से अपनाने में सहायता करेगी। हम परिवर्तनकारी प्रगति की दिशा में रोमांचक यात्रा शुरू कर रहे हैं।‘

  ऐडवर्ब रोबोटिक्स के ग्राहकों में रिलायंस के अलावा हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल ),पेप्सिको, मेर्स्क, मोंडियल रिले, डीएचएल और लैंडमार्क प्रमुख हैं। ऐडवर्ब अमेरिका, यूरोप और एशिया में ऑपरेशनल है। कंपनी का कहना है कि वह भारत के ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन के साथ रोबोटिक्स के क्षेत्र में आगे बढ़ रही है।

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