धर्म की आड़ में छल,पुजारी ही बना दुराचारी!
एक सभ्य समाज जिसकी रूप रेखा प्रत्येक दिन गढ़ी जाती है। धर्म का सहारा लेकर…
एक सभ्य समाज जिसकी रूप रेखा प्रत्येक दिन गढ़ी जाती है। धर्म का सहारा लेकर…
डॉ. वेदप्रताप वैदिकगाजियाबाद के मुरादनगर श्मशान घाट में छत गिरने से 25 लोगों से ज्यादा…
डॉ. वेदप्रताप वैदिककिसान नेताओं और केंद्र सरकार के नेताओं की बीच आज बात शुरु हो…
· डॉ. अमरनाथ “पूजनीय बड़े पिता जी और माता जी, आप लोग मुझे माफ कर देना….
—-प्रियंका सौरभ देश भर में शिक्षकों की भर्ती के लिए पिछले डेढ़ दशक से शिक्षक…
आज के डिजिटल युग में ‘हिन्दी दिवस’ के अवसर पर आपको तमाम लेख, रचनाएं, टिप्पणियां…
-निरंजन परिहार सन 2018 के सितंबर महीने की 8 तारीख को नई दिल्ली में तब…
प्रियंका सौरभ कोरोना वायरस से पूरी दुनिया लड़ रही है। कोरोना से छुटकारा पाने के लिए…
डॉo सत्यवान सौरभ, आदमी अपने जीवन काल में किसी न किसी जानवर को पानी पिलाता ही…
वीरेन्द्र सिंह परिहार अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की उत्पत्ति समझे जानें वाले अरविन्द…
इस साल मार्च में होली के दौरान उत्तर प्रदेश जाने का अवसर मिला। संयोग से इसी दौरान प्रदेश में चुनावी बुखार चरम पर था।वाराणसी से इलाहाबाद जाने के लिए ट्रेन को करीब पांच घंटे इंतजार करना पड़ा। वाराणसी से ही खुलने वाली कामायिनी एक्सप्रेस इस सीमित दूरी की यात्रा में करीब घंटे भर विलंबित हो गई। वापसी में भी कुछ ऐसा ही अनुभव हुआ। प्लेटफार्मों पर किसी ट्रेन की बार – बार उद्घोषणा हो रही थी, तो कुछ ट्रेनों के मामलों में उद्घोषणा कक्ष की अजीब खामोशी थी।