आर्थिकी ऋण कृत्वा घृतं पीबेत । August 12, 2013 / August 12, 2013 by जावेद उस्मानी | Leave a Comment जावेद उस्मानी ‘यावज्जजीवेत सुखं जीवेत ऋण कृत्वा घृतं पीबेत । भस्मी भूतस्य देहस्य पुनरागमनं कुत:”। ‘जब तक जियो सुख से जियो कर्ज लेकर घी पियो शरीर भस्म हो जाने के बाद वापस नही आता है।‘– चार्वाक कर्ज लेकर घी पीने की उकित मशहूर है। सदियो पुराना भोगवादी चार्वाक दर्शन आज आर्थिक नीतियो की […] Read more » ऋण कृत्वा घृतं पीबेत